गुड़हल के फूल की जानकारी और औषधीय गुण | Hibiscus flower information in hindi

 

गुड़हल के फूल की जानकारी और औषधीय गुण | Hibiscus flower information in hindi

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Gudhal ke aushadhi gun

आयुर्वेद के अनुसार गुड़हल में बहुत सी बीमारियों को दूर करने के औषधीय गुण पाए जाते हैं।गुड़हल का उपयोग पूजा-पाठ करने के लिए भी किया जाता है।
इसका फूल भगवान श्रीगणेश को चढ़ाया जाता है।इसका वैज्ञानिक नाम(Hibiscus rosa-sinensis) हिविस्कस रोजा साइनेंसिस है।यह मालवेसी कुल का पौधा है।दुनियां भर में इसकी लगभग 220 प्रजातियां पायी जाती हैं।
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    गुड़हल क्या होता है?गुड़हल के फूल की जानकारी(hibiscus flower information in hindi)

    गुड़हल एक प्रकार का सुन्दर फूल होता है।इसका वैज्ञानिक नाम हिविस्कस रोजा साइनेंसिस है।यह लगभग पूरी दुनिया हर जगह पाया जाता है ।
    इसकी लगभग 220 प्रजातियां पायी जाती हैं।इसका पुष्प लाल,पीला, बैंगनी ,नारंगी और सफेद रंग का होता है।इसमें सफेद और लाल रंग के फूल का औषधीय रूप में प्रयोग किया जाता है।
    गुड़हल का अंग्रेजी नाम हिविस्कस(Hibiscus)और मराठी में इसे जास्वंद कहते है। संस्कृत भाषा में जपा, गुजराती में जासुद और हिंंदी में जवाकुुुसुम  कहा जाता है।
    इसके फूल का आकार मन्दिर में बजने वाले घण्टा की तरह का होता है।इसके पेड़ की ऊँचाई10 से 15 फीट तक होती है।

    गुड़हल के फूल की तासीर

    गुड़हल के फूल की तासीर ठंडी होती है इस लिए जाड़े के मौसम में और शाम के समय इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
    गर्मी के मौसम में इसका सेवन करने से शरीर की गर्मी और हाथ -पांव की जलन में आराम मिलता है।

    गुड़हल के फूल के प्रकार

    देशभर में गुड़हल की लगभग 200 से ज्यादा प्रजातियां पायी जाती हैं।
    यदि इसके फूल के प्रकार के बारे में बात करें तो गुड़हल का फूल बैंगनी ,नारंगी, सफेद,पीला, लाल आदि प्रकार का पाया जाता है।

    गुड़हल के फूल खाने के फायदे|Gudhal ke phool khane ke fayde 

    Gudhal ke aushadhi gun

    आयुर्वेद के मतानुसार गुड़हल के फूल खाने से बहुत से बीमारियों को दूर किया जा सकता है।गुड़हल के फूल खाने से जिन-जिन बीमारियों में फायदा होता है उनका विवरण निम्न प्रकार से है।

    ल्यूकोरिया में गुड़हल के फूल खाने के फायदे

    गुड़हल का फूल ल्यूकोरिया रोग में बहुत लाभकारी होता है।
    इसके लिए गुड़हल की 5 से 7 के फूलों को देशी घी में भून लें और उसमें स्वादानुसार मिश्री मिलाकर रोज सुबह खाली पेट गाय के दूध के साथ सेवन करने से प्रदर रोग (ल्यूकोरिया) ठीक हो जाता है।

    मेमोरी पावर बढ़ाने में गुड़हल के फूल खाने के फायदे

    जिन लोगों की यादाश्त कमजोर होती है उनके लिए गुड़हल के फूल का सेवन बहुत लाभदायक होता है।
    इसके लिए गुड़हल के फूल को छाया में सुखाकर उसका पाउडर बना लें और सुबह-शाम एक-एक चम्मच की मात्रा में गाय के दूध के साथ सेवन करने से स्मरण शक्ति तेज होती है।

    खून की कमी में गुड़हल के फूल खाने के फायदे

    गुड़हल के फूल में भरपूर मात्रा में लौह तत्व पाया जाता है जो शरीर  में खून की कमी को दूर करता है।
    इसके लिए गुड़हल के फूल के पाउडर को गाय के दूध के साथ एक-एक चम्मच की मात्रा में सुबह -शाम सेवन करने से शरीर में खून की दूर हो जाती है।

    गर्भनिरोधक में गुड़हल के फूल खाने के फायदे

    गुड़हल के फूल के उपयोग गर्भधारण को रोकने के लिए भी किया जा सकता है।
    इसके  लिए गुड़हल के फूल के रस के साथ स्वादानुसार पुराने गुड़ को मिलाकर मासिकधर्म के समय तीन दिन तक सेवन करने से गर्भधारण नहीं होता है।इसके लिए अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।

    सेक्सुअल पावर बढ़ाने में गुड़हल के फूल के फायदे

    गुड़हल की पत्ती और फूल को बराबर मात्रा में लेकर उसे छाया में सुखा लें और उसका चूर्ण बना लें और उसमें स्वादानुसार मिश्री या पुराना गुड़ मिलाकर 5 से 6 ग्राम की मात्रा में सुबह – शाम सेवन करने से स्टेमिना पावर बढ़ती है।

    ज्वर में गुड़हल के फूल खाने के फायदे

    इसके लिए गुड़हल के 4 से 5 ताजे फूल को मिश्री के साथ चबाकर खाने से बुखार में लाभ होता है।
    खाँसी और जुकाम में गुड़हल के फूल सेवन करने के फायदे
    इसके लिए गुड़हल के फूल को पानी में उबालकर उसके काढ़े का सेवन करने से खाँसी और जुकाम में लाभ मिलता है। 
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    बबासीर में गुड़हल के फूल खाने के फायदे

    इसके लिए गुड़हल के फूल को देशी गाय के घी में भूनकर उसमें स्वादानुसार मिश्री को मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से कब्ज और बवासीर में आराम मिलता है।
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    कुष्टरोग में गुड़हल के फूल खाने के फायदे

    कुष्टरोग में गुड़हल के 4 से 5 ताजे फूलों को रोज सुबह खाली पेट कुछ दिनों तक सेवन करने से सफेद दाग(कुष्टरोग) में लाभ होता है।

    गुड़हल के औषधीय गुण और उपयोग

    गुड़हल एक औषधीय पौधा है।जिसके फूल,पत्ती, छाल और जड़ का उपयोग बहुत से बीमारियों को दूर करने के लिए किया जा सकता है।इसमें निम्नलिखित गुण पाए जाते हैं।
    • गुड़हल के फूलों और पत्तियों का पेस्ट बनाकर बालों में लगाने से बाल काले घने और लम्बे होते हैं।
    • गुड़हल के फूलों के रस को तिल के तेल में मिलाकर गर्म करें।जब केवल तिल का तेल शेष रह जाय तब उसे छानकर ठंडा कर लेंऔर अपने बालों में लगाये इससे रूसी की समस्या खत्म हो जाएगी।
    • गुड़हल के फूलों के रस को गौमूत्र के साथ मिलाकर लगाने से सिर के बाल झड़ने की समस्या दूर हो जाती है।
    • गुड़हल के फूल को गाय के दूध के साथ पीसकर पीने से श्वेत प्रदर की समस्या दूर हो जाती है।
    • गुड़हल के फूलों के पाउडर को गाय के दूध के साथ सेवन करने से स्मरण शक्ति तेज होती है।
    •  गुड़हल के फूलों का रस दिल के रोगों के लिए बहुत ही फायदेमन्द होता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं।जो कोलेस्ट्रॉल के लेबल को बनाये रखने सहायता करते हैं।
    • गुड़हल के फूल का पाउडर को देशी गाय के दूध के साथ एक-एक चम्मच की मात्रा में लेने से खून की कमी(एनीमिया) दूर हो जाती है।
    • गुड़हल के ताजे फूलों को रोज सुबह खाने से कुष्ट रोग में लाभ होता है।
    • गुड़हल के फूलों में एक प्रकार का लिजलिजा पदार्थ पाया जाता है जो कब्ज की समस्या से निजात दिलाने में मदद करता है।
    • गुड़हल के जड़ को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर उन टुकड़ो को मुंह में रखकर चबाचबाकर थूकने से मुँह के छाले में आराम मिलता है।
    • गुड़हल के फूलों का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे के डार्क सर्कल्स और झुर्रियां मिट जाती हैं।

    गुड़हल और दूध के फायदे

    गुड़हल और दूध को एक साथ मिलकर लेने से बहुत से बीमारियों को दूर किया जा सकता है।तो आइए जानते हैं कि गुड़हल और दूध किन-किन बीमारियों में फायदा करता है

    स्मरणशक्ति को बढ़ाता है

    गुड़हल के फूल और पत्ती को बराबर मात्रा में लेकर उसे छाया में सूखा लें और उसे पीसकर चूर्ण बना लें और सुबह-शाम एक-एक चम्मच की मात्रा में दूध के साथ सेवन करने से यादाश्त मजबूत होती है।

    ल्यूकोरिया को ठीक करता है

    गुड़हल के फूल को छाया में सुखाकर उसका पाउडर बना लें और उस पाउडर को एक-एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम गाय के दूध के साथ लेने से ल्यूकोरिया रोग में आराम मिलता है।

    गुड़हल के फूल का पाउडर के फायदे

    गुड़हल के फूल का पाउडर से शरीर में होने वाले बहुत से रोगों को दूर किया जा सकता है।तो आइए जानते हैं कि गुड़हल के फूल का पाउडर किन-किन रोगों को दूर करने में फायदेमंद होता है।

    स्मरणशक्ति को तेज करता है

    जिन लोगों की यादाश्त कमजोर होती है उनके लिए गुड़हल के फूल पाउडर का सेवन बहुत लाभदायक होता है।
    इसके लिए गुड़हल के फूल को छाया में सुखाकर उसका पाउडर बना लें और सुबह-शाम एक-एक चम्मच की मात्रा में गाय के दूध के साथ सेवन करने से स्मरण शक्ति तेज होती है।

    एनीमिया(खून की कमी)को दूर करता है

    गुड़हल के फूल में भरपूर मात्रा में लौह तत्व पाया जाता है जो शरीर  में खून की कमी को दूर करता है।
    इसके लिए गुड़हल के फूल के पाउडर को गाय के दूध के साथ एक-एक चम्मच की मात्रा में सुबह -शाम सेवन करने से शरीर में खून की दूर हो जाती है।

    स्टैमिना पावर बढ़ता है

    गुड़हल की पत्ती और फूल को बराबर मात्रा में लेकर उसे छाया में सुखा लें और उसका चूर्ण बना लें और उसमें स्वादानुसार मिश्री या पुराना गुड़ मिलाकर 5 से 6 ग्राम की मात्रा में सुबह – शाम सेवन करने से स्टेमिना पावर बढ़ती है।

    प्रदर रोग को ठीक करता है

    गुड़हल के फूल को छाया में सुखाकर उसका पाउडर बना लें और उस पाउडर को एक-एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम गाय के दूध के साथ लेने से ल्यूकोरिया रोग में आराम मिलता है।

    गॉलब्लेडर स्टोन

    पित्त की पथरी हो या किडनी स्टोन हो गुड़हल के फूल का पाउडर इसे निकालने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है।
    इसके लिये रात को खाना खाने के एक घण्टे बाद गुड़हल के फूल के पाउडर को गर्म पानी के साथ लेना चाहिए।

    गुड़हल की पत्ती के फायदे

    जिस प्रकार से गुड़हल के फूलों का उपयोग औषधीय रूप में किया जाता है उसी प्रकार गुड़हल की पत्ती का उपयोग भी औषधीय के रुप में किया जाता है।तो आइए जानते हैं  कि गुड़हल की पत्ती के फायदे के बारे में पूरी जानकारी
    1. यदि शरीर के किसी स्थान पर सूजन हो तो उस स्थान पर गुड़हल की पत्तियों को पीसकर कर लगाने से सूजन में आराम मिलता है।
    2. शरीर के किसी स्थान पर चोट लग कर खून बहने लगे तो गुड़हल की पत्ती को पीसकर उसके रस को खून बहने के स्थान पर लगाने से खून बहना बंद हो जाता है।
    3. गुड़हल की पत्तियों का चाय बनाकर पीने से सर्दी-खाँसी और हृदय रोगों में आराम मिलता है।
    4. गुड़हल के फूलों और पत्तियों को बराबर मात्रा में पीसकर बालों में लगाने से बाल काले और चमकदार होंगें।
    5. गुड़हल की 5 से 6पत्तियों का काढ़ा(चाय)बनारकर पीने से शरीर में डायबिटीज का स्तर कंट्रोल में रहता है।
    6. गुड़हल की पत्ती को मुंह में डालकर चबाने से मुँह के छाले दूर हो जाते हैं।

    गुड़हल खाने के तरीका

    गुड़हल एक औषधीय गुणों वाला पौधा है इसे निम्लिखित तरीके खाया जा सकता है।
    • गुड़हल के फूल को तोड़कर उसके पीछे के हरे भाग को निकाल कर साफ पानी से धोकर के खाया जा सकता है।
    • गुड़हल के फूल को सुखाकर उसे मिक्सी में पीसकर उसके पाउडर को गर्म पानी या दूध के साथ सेवन किया जा सकता है।
    • गुड़हल के फूल का चाय बनाकर पिया जा सकता है।

    गुड़हल का पौधा कैसे लगाए

    गुड़हल एक सुंदर पुष्पों वाला पौधा है।इसके फूल,पत्ती, जड़ और छाल का औषधीय रूप में किया जाता है।इसे निम्नलिखित प्रकार से लगाया जा सकता है। 
    1. गुड़हल के पौधे को लगाने के लिए अच्छी प्रजाति के गुड़हल का चयन करें।
    2. लाल और सफेद रंग के फूलों वाला गुड़हल में औषधीय गुण अधिक पाया जाता है।
    3. गुड़हल के पौधे को ग्रीष्म ऋतु के प्रारम्भ में लगाएं क्योंकि गर्म मौसम में इसकी बढ़वार अच्छी होती है।
    4. गुड़हल को आप अपने आंगन, बगीचे या गमले में लगा सकते है
    5. इसके पौधे या बीज को आप किसी भी नर्सरी(पौधशाला) से ले सकते हैं।
    6. गुड़हल के पौधे को हमेशा घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा में ही लगायें जिससे उसको अधिक समय तक धूप मिल सके

    यह थी गुड़हल के औषधीय गुण एवं उपयोग के बारे में पूरी जानकारी।
    हमें आशा है कि यह जानकारी आपको पसंद आयी होगी।
      धन्यवाद।

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