बीमारियों एवं उनकी होम्योपैथिक दवाओं की पूरी जानकारी मिलेगी।
लाइकोपोडियम 200 होमियोपैथिक दवा के फायदे| Lycopodium 200 Uses in Hindi
लिंक पाएं
Facebook
X
Pinterest
ईमेल
दूसरे ऐप
लाइकोपोडियम 200 होमियोपैथिक दवा के फायदे|Lycopodium 200 Benefits in Hindi
जो रोग जो धीरे-धीरे बढ़कर अपनी चरम अवस्था पर पहुँच जाते हैं और रोगी के जीवन को संकटपूर्ण कर देते हैं,ऐसे रोगी के रोग के इलाज में लाइकोपोडियम 200 होमियोपैथिक दवा फायदा करती है।
लाइकोपोडियम एक सोरा-विषनाशक होम्योपैथिक दवा है, इस दवा की परीक्षा सबसे पहले हैनिमैन ने की थी।
यह दवा सिर से लेकर पावँ तक हर एक अंग पर अपना असर दिखाती है।विशेष रूप से बच्चों और बृद्ध लोगों की बीमारियों में ज्यादा फायदा करती है।
यह दवा मुख्य रूप से जननांग,पाचनतंत्र, लीवर से सम्बंधित बीमारी में ज्यादा फायदा करती है।कफ प्रकृति के रोगी जिनके लीवर में कोई ना कोई दोष होता है,और पेशाब के साथ लाल रेत के कण निकलते हैं, दुबले-पतले और कमजोर किन्तु तेज बुद्धि वाले,जिनके सिर बड़े और त्वचा ख़ुश्क होती है।
ऐसे रोगी जो रोग के समय अधिक उत्तेजित और चिड़चिड़े हो जाते हैं,जो अपने आप को सबसे बड़ा ख्याल करते हैं,हमेशा मरने के सपने देखा करते हैं, ऐसे प्रकृति वाले रोगियों में लाइकोपोडियम 200 होमियोपैथिक दवा ज्यादा फायदा करती है।
लाइकोपोडियम शरीर में होने वाले दायीं तरफ के के रोगों में ज्यादा असर करती है।इसलिये शरीर में होने वाले रोग जैसे लीवर ,किडनी,फेफड़े,जरायु,वात रोग आदि कोई भी रोग क्यों न हो यदि दायीं तरफ से शुरू होकर बायीं तरफ को जाए तो ऐसे रोगों में लाइकोपोडियम 200 होमियोपैथिक दवा के प्रयोग से फायदा होता है।
यह एक गम्भीर क्रिया करने वाली मेडिसिन है।इस लिए किसी भी रोग में इसका बार बार प्रयोग नहीं करना चाहिए।इस दवा के रोग के लक्षण शाम 4 बजे से लेकर रात 8 बजे के बीच में बढ़ते हैं।
लाइकोपोडियम 200 के फायदे|Lycopodium 200 Benefits
मानसिक लक्षण
लाइकोपोडियम रोगी का मानसिक लक्षण बड़ा ही बिचित्र होता है।इसका रोगी हमेशा थका थका से रहता है।
वह अकेला रहना चाहता है,जब कि उसे अकेलापन से डर भी लगता है,वह चाहता है कि उसके बगल के कमरे में कोई रहे ,जिसे वह जब चाहे उसे बुला ले,इस दवा के रोगी का चित्त बहुत ही कमजोर होता है।
वह किसी सभा या समाज में जाने से डरता है क्यों कि उसे अपनी काबलियत पर संदेह होता है।
इसका रोगी धर्म के सम्बंध में बड़ा ही हठी होता है,धर्म के बारे में सोचते -सोचते सनकी हो जाता है, उसके चित्त में हमेशा बुरे ख्याल आते रहते हैं।
उसकी स्मरण शक्ति बहुत ही कमजोर हो जाती है,लिखनेऔर बोलने में हमेशा गलतियां किया करता है, किन्तु बुध्दिजीवी की तरह हमेशा कठिन विषयों पर विचार भी किया करता है।
सिर दर्द के लक्षण
इस दवा के रोगी के सिर दर्द का सम्बंध हमेशा पेट से होता है।यदि वह सही समय पर खाना न खाए तो उसके सिर में दर्द होने लगता है।
यदि वह कुछ खा ले तो उसका सिर दर्द कम हो जाता है।इस दवा के रोगी का सिर दर्द गर्मी से और लेटने से बढ़ जाता है,जबकि खुली हवा में रहने से ठंडक से सिर दर्द में आराम मिलता है।
और शाम 4 बजे से 8 बजे के बीच में सिर दर्द बढ़ता है।इसके रोगी को गाना बजाना और हल्ला-गुल्ला जरा भी पसंद नहीं रहता है।
इस दवा का रोगी हमेशा सर्दी-जुकाम से परेशान रहता है,और रात को नाक बंद हो जाती है तथा मुँह से सांस लेना पड़ता है।
आँखों के रोग के लिए लाइकोपोडियम एक बहुत ही गुणकारी औषधि है, इसमें रोगी को किसी भी वस्तु के बायीं तरफ का सिर्फ आधा हिस्सा दिखाई देता है।
आँखों के सामने काली काली चिंगारियां उड़ती दिखाई देती हैं,रतौंधी की बीमारी में भी यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण औषधि है।
कान के लक्षण
इसके रोगी को कानों से बहुत कम सुनाई देता है, कानो में हमेशा भिनभिनाहट की आवाज आती है,कान से गाढ़ा,पीला और बहुत ही बदबूदार मवाद निकलता रहता है।
लाइकोपोडियम 200 के उपयोग – Lycopodium 200 Uses in Hindi :
न्यूमोनिया के लक्षण में
इस दवा का रोगी दिन में तो ठीक रहता है लेकिन रात को उसकी नाक बंद हो जाती है।
फेफड़े में ढेर सारा कफ भरा रहता है,और रोगी मुँह से सांस लेता है।सांस लेते समय उसके फेफड़े से घड़घड़ाहट की आवाज आती है।
उसके दोनों नकुरे पंख की तरह हिलते हैं।इस प्रकार के लक्षण में लाइकोपोडियम 200 होमियोपैथिक दवा के उपयोग से फायदा होता है।
अफारा के लक्षण में
इस दवा के रोगी के पेट में बहुत सारा गैस बनकर पेट एकदम से फूल जाता है।इसमें रोगी के पेट का नीचे का हिस्सा फूलता है, पेट फूलने पर गड़गड़ाहट होती है और पेट मे हवा इधर उधर घूमती रहती है।
कब्ज के कारण बार बार मलत्याग की इच्छा होती है लेकिन यह इच्छा मलद्वार के संकोचन के कारण होती है,इसमें हवा खारिज होने और डकार आने से रोगी को आराम मिलता है।
इस प्रकार के लक्षण में लाइकोपोडियम 200 होमियोपैथिक दवा के उपयोग से फायदा होता है।
पेट के लक्षण में
इस दवा का रोगी हमेशा इस बात की शिकायत किया करता है कि हम जो कुछ भी खाते हैं वह सब गैस बन जाती है।
पेट ढोल की तरह इतना फूल जाता है और उसे सांस तक लेने में तकलीफ होती है।
लाइकोपोडियम के रोगी को भूख तो बहुत जोर की लगती है लेकिन एक या दो निवाला खाते ही रोगी का पेट फूलने लगता है,और वह खाना छोड़कर उठ जाता है।
पेट के इन सब लक्षणों में लाइकोपोडियम 200 होमियोपैथिक दवा के उपयोग से फायदा होता है।
पखाना के लक्षण में
इस दवा का रोगी बार बार पखाने के लिए जाता है, पतला दस्त भी बड़ी ही मुश्किल से होता है।
रोगी को बहुत ही सख्त कब्ज होता है,मलत्याग करते समय मल छोटे छोटे टुकड़े के रूप में निकलता है।इस प्रकार के लक्षण रहने पर लाइकोपोडियम के प्रयोग से फायदा होता है।
पेशाब के लक्षण में
मूत्र यन्त्र के ऊपर लाइकोपोडियम का विशेष असर होता है।पेशाब करते समय लाल रंग के बालू के कण का आना इसका प्रमुख लक्षण है।
पेशाब करने के बाद कमर के दर्द का कम हो जाना,और दाहिने तरफ की किडनी में पथरी के कारण होने वाले दर्द को दूर करने के लिए लाइकोपोडियम एक अमोघ औषधि है।
स्त्रीजननेद्रिय के लक्षण में
महिलाओं के योनि के खुश्की को दूर करने के लिए लाइकोपोडियम एक बहुत ही महत्वपूर्ण औषधि है।
खुश्की के कारण संगम करते समय संगम में तकलीफ और जलन का होना,योनि से हवा का निकलना इसका एक और विशेष लक्षण है।
दाहिने डिम्भकोस में दर्द और सूजन होने पर भी लाइकोपोडियम 200 होमियोपैथिक दवा से फायदा होता है।
ज्वर के लक्षण में
इस दवा के रोगी में ज्वर आने का समय शाम 4 बजे से रात 8 बजे के बीच होता है।
यदि किसी को शाम 4 बजे से रात 8 बजे के बीच ज्वर आये तो उस ज्वर के लिए लाइकोपोडियम फायदा करती है।
वात रोग के लक्षण में
पुराने वात रोग के दर्द में लाइकोपोडियम का अधिकार है, दर्द दाहिने तरफ से आरंभ हो कर बायीं तरफ को जाता है।
चलने फिरने से दर्द में कमी होती है,पेशाब में लाल रेत के कण जाने पर जोड़ों का दर्द कम हो जाता है।
जोड़ो में यूरिक एसिड जम जाता है,सिर दर्द ज्यादा होने पर जोड़ों का दर्द घट जाता है।
और जोड़ों का दर्द बढ़ने पर सिर का दर्द कम हो जाता है,यह इसका एक अद्भुत लक्षण है।
पीठ में जलन के लक्षण में
रोगी के दोनों कन्धों के बीच पीठ में आग जैसी जलन का होना इस औषधि का प्रमुख लक्षण है।
जिन रोगी में इस प्रकार के लक्षण दिखायी दे तो उसमें लाइकोपोडियम 200 होमियोपैथिक दवा से अवश्य ही फायदा होता है।
लाइकोपोडियम 200 होम्योपैथिक मेडिसिन – Lycopodium 200 Homeopathic Medicine :
लिवर रोग के लक्षण में
शरीर में लिवर(यकृत) का स्थान सदैव दाहिनी तरफ होता है।
यकृत की जगह पर हल्का-हल्का दर्द, सूजन,पेट में वायु जमने से पेट का हमेशा गड़गड़ाना,बहुत जोर की भूख,एक या दो कौर खाने के बाद पेट का भर जाता है।
मुँह से खट्टी डकार का आना,पीलिया रोग आदि लिवर के दोष के कारण होने वाली बीमारियों में लाइकोपोडियम 200 मेडिसिन के प्रयोग से फायदा होता है।
बालों के रोग के लक्षण में
जिन लोगों के बाल बहुत ही कम उम्र में सफेद होने लगते हैं, सिर के बीचों-बीच के बाल झड़कर किनारे के बाल बढ़ने लगते हैं।
रोगी बिल्कुल गंजा दिखायी देने लगता है, ऐसे रोगी के रोग के इलाज में लाइकोपोडियम 200 मेडिसिन के प्रयोग से फायदा होता है।
दायीं तरफ के हर्निया में लाइकोपोडियम 200 दवा फायदा करती है।
इसमें रोगी के दायीं तरफ के जंघा सन्धि में बहुत दर्द होता है, आतें उतर आती हैं।
लीवर के लिए लाइकोपोडियम 200 की खुराक | lycopodium 200 dosage in hindi
लीवर के लिए लाइकोपोडियम 200 की खुराक का चयन व्यक्ति के रोग के लक्षणों,रोगी की आयु और लिगं के आधार पर किया जाता है। लेकिन आमतौर पर, इस दवा की सुझाई गई खुराक निम्नलिखित होती है:
• पूर्ण वयस्क लोगों को lycopodium 200 को 3 से 5 बून्द दिनभर में 3 बार
• बच्चों को lycopodium 200 को 2 से 3 बून्द दिन भर में 1 बार
लेना पर्याप्त होता है।हालांकि रोग की तीव्रता के आधार पर दवा की मात्रा को कम या अधिक किया जा सकता है।
लाइकोपोडियम 200 होम्योपैथिक मेडिसिन price | lycopodium 200 price in india
lycopodium 200 होम्योपैथिक दवा की कीमत भिन्न-भिन्न ब्रांड और जगहों पर अलग-अलग हो सकती है।लेकिन भारत में SBL कम्पनी की lycopodium 200 की 30 ml दवा की कीमत सामान्य रूप से 100 से 105 रुपये के बीच है।
लाइकोपोडियम 1M होमियोपैथिक दवा के फायदे|Lycopodium 1m Uses
निम्नलिखित रोगों के इलाज में लाइकोपोडियम 1M होमियोपैथिक दवा फायदा करती है-
नपुंसकता
नपुंसकता को दूर करने के लिए लाइकोपोडियम फायदा करती है।
जो लोग दिन-रात अधिक संगम करके बहुत कमजोर हो गये हैं, स्त्री से संगम करने का मन तो बहुत करता है किंतु संगम करने की शक्ति नहीं रहती है, लिंग शिथिल पड़ जाता है।
जो लोग ज्यादा उम्र में शादी करके अपनी स्त्री को सन्तुष्ट नहीं कर पाते,ऐसे लोगों के लिए लाइकोपोडियम 1M होम्योपैथिक दवा फायदा करती है।
दाहिने तरफ के किडनी में होने वाले पथरी के दर्द को दूर करने के लिए लाइकोपोडियम एक अमोघ औषधि है।इसमें रोगी को दाहिने गुर्दे से लेकर मूत्र मार्ग तक दर्द होता है।
जो लोग पथरी के दर्द से हमेशा परेशान रहते हैं।दवा करने पर पथरी निकल जाती है, और पुनः दोबारा पथरी हो जाती है।
ऐसे पथरी के रोगियों को लाइकोपोडियम 1M होमियोपैथिक दवा की एक खुराक महीने में एक बार लेने से पथरी बनने की प्रक्रिया रुक जाती है,और रोगी बहुत दिनों तक अच्छा रहता है।
रतौंधी के लक्षण में
जिन लोगों को दिन में तो ठीक दिखायी देता है, परन्तु रात में कुछ भी दिखाई नहीं देता है।
ऐसे रोगियों में लाइकोपोडियम 1M होमियोपैथिक दवा की एक खुराक के प्रयोग से रोगी को कुछ ही घण्टे में दिखाई देने लगता है।
रोग में बृद्धि
लाइकोपोडियम का रोग ठंडी वस्तुओं के खाने-पीने से और रात में आराम करने से,और शाम 4 बजे से रात 8 बजे के बीच में बढ़ता है, लेकिन सिर का दर्द गर्मी से बढ़ता है।
रोग में कमी या आराम
गर्म वस्तुओं के खाने-पीने से,चलने फिरने से शरीर के दर्द में आराम मिलता है, लेकिन सिर के दर्द में ठंडक से आराम मिलता है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की Health Sahayata पुष्टि नहीं करता है, इनको केवल सुझाव के रूप में लें, इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/ पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
लाइकोपोडियम 200 के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q• लाइकोपोडियम Clavatum 200c क्या है?
Ans• लाइकोपोडियम क्लैवाटम 200c एक होम्योपैथिक दवा है।
Q• लाइकोपोडियम क्लैवाटम 200 का इस्तेमाल आप कैसे करते हैं?
Ans• लाइकोपोडियम क्लैवाटम 200 का इस्तेमाल यदि आप लिवर से सम्बंधित रोगों के लिए करना चाहतें हैं तो उसके लिए लाइकोपोडियम क्लैवाटम 200 की 4 से 5 बूंद दवा को दिनभर में 2 बार सीधे जीभ लेना चाहिए।
Q• लाइकोपोडियम का क्या फायदा है?
Ans• लाइकोपोडियम लिवर की सूजन,गुर्दे की पथरी,वात रोग, अफारा, हर्निया,स्मरण शक्ति की कमजोरी,रतौंधी,महिलाओं के योनि की खुश्की,मर्दाना कमजोरी,असमय में बालों का सफेद होना आदि रोगों में यह दवा फायदा करती है।
Q• लाइकोपोडियम गैस के लिए अच्छा है?
Ans• जी हां लाइकोपोडियम पेट के निचले हिस्से में बनने वाले गैस के लिए एक रामबाण होम्योपैथिक दवा है।
Q• लाइकोपोडियम को हिंदी में क्या कहते हैं?
Ans• लाइकोपोडियम को हिंदी में नागबेली के नाम से जाना जाता है।
Q• लाइकोपोडियम का दूसरा नाम क्या है?
Ans• लाइकोपोडियम का दूसरा नाम क्लब मास है।
Q• मुझे लाइकोपोडियम क्लैवाटम कब लेना चाहिए?
Ans• लाइकोपोडियम क्लैवाटम को हमेशा खाना खाने से 1 घण्टा पहले अथवा खाली पेट लेना चाहिए।
Q• मुझे कितना लाइकोपोडियम लेना चाहिए?
Ans• लाइकोपोडियम 200 को सामान्य रूप से 4 से 5 बून्द दिनभर में 2 बार लेना चाहिए।
ling नसों की कमजोरी की 10 होम्योपैथिक दवा मोबाइल और इंटरनेट के युग में आज की युवापीढ़ी जिस प्रकार से गन्दी फिल्में देखकर हस्थमैथुन, स्वप्नदोष, मर्दाना कमजोरी,नसों की कमजोरी आदि समस्याओं से परेशान होकर तरह-तरह की दवाइयों का सेवन करके अपने स्वास्थ्य और पैसे को बरबाद कर रहें हैं। ling naso ki kamjori ki homeopathic dawa लेकिन उन्हें इन समस्याओं से निजात नहीं मिल पा रहा है,यदि आप भी ऐसी ही समस्या से परेशान हैं तो चिन्ता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज के इस लेख में हम ling नसों की कमजोरी की होम्योपैथिक दवा के बारे में विस्तार से बताने जा रहें हैं। जिनका लक्षणानुसार सेवन करने से हस्थमैथुन मर्दाना कमजोरी , लिंग की नसों की कमजोरी आदि समस्याओं से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा। नसों की कमजोरी के लक्षण(ling naso ki kamjori ke lakshan in hindi) किसी पुरूष के शरीर में ling नसों की कमजोरी होने पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं। • शारीरिक सम्बन्ध बनाने से पहले डर और घबराहट महसूस होना। • शारीरिक सम्बन्ध बनाते समय ling नसों में दर्द व भरपूर कड़कपन न आना। • स्त्री के साथ शारीरिक सम्बन्ध
शीघ्र स्खलन की होम्योपैथिक दवा| Premature Ejaculation ki homeopathic medicine आज के बदलते परिवेश एवं लाइफ स्टाइल के चलते नवयुवकों में एक बहुत ही भयंकर बीमारी का जन्म हो रहा है जिसका नाम है शीघ्र स्खलन ,आज पूरी दुनिया में 30 प्रतिशत लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं। shighraskhalan ki homeopathic dawa अगर केवल भारत देश की बात की जाय तो लगभग 50 प्रतिशत लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं।अगर आप भी इस बीमारी से जूझ रहे हैं तो फिर चिंता करने की कोई बात नहीं हैं। क्योंकि इस लेख के माध्यम से हम बताएंगें कुछ बेहतरीन शीघ्र स्खलन की होमियोपैथिक दवा के बारे में जो आपकी शीघ्रपतन की समस्या को बिल्कुल जड़ से दूर कर देगी।लेकिन इससे पहले आप जानेंगें की शीघ्रस्खलन या शीघ्रपतन क्या होता है। शीघ्र स्खलन क्या होता है?|Premature Ejaculation Homeopathic Medicine in Hindi जब किसी पुरूष का वीर्य अपनी लाइफ पार्टनर से संभोग करते समय उसकी इच्छा के विरूद्ध बिना अपनी स्त्री को संतुष्ट किये निकल जाये और पुरुष रोकना चाहकर भी वीर्यपात होना रोक न सके, उसे शीघ्र स्खलन या शीघ्रपतन कहते हैं। यह रोग केवल पुरुषों में
Lasoda ke fayde in hindi |Lasoda fal ke fayde |रोगों के लिए काल है लसोड़े का फल,जाने इसके गजब के फायदे आयुर्वेद के अनुसार लसोड़े के फल के फायदे ढेर सारे होते हैं लसोडा का पेड़ पूरे भारत में पाया जाता है।इसको हिंदी में गोंदी,वहुवार,लिसोरा,लीटोरा, लिसोड़ा आदि नामों से जाना जाता है। इसका कच्चा फल हरे रंग का होता है और पकने पर हल्का गुलाबी रंग का हो जाता है। लसोड़ा का फल गुच्छों के रूप में लगता है।इसका फल सुपारी के समान होता है। इसमे से एक प्रकार का चिपचिपा पदार्थ निकलता है जो मीठा होता है। मार्च के महीने में इसमें फूल आते हैं और जून – जुलाई में इसका फल पकने लगता है। इसके बृक्ष की ऊँचाई 30 से 40 फुट तक होती है।इसका फल स्त्री और पुरुष दोनों के रोगों के उपचार में समान रूप से फलदायी होता है।तो आइए जानते हैं Lasoda ke fayde in hindi के बारे में पूरी जानकारी – रात को लहसुन खाने के फायदे Lasoda ke fayde in hindi| लसोडा (श्लेशमांतक) का आयुर्वेदिक उपयोग लसोडा के फल की प्रकृति ठंडी होती है।इसका फल बल की बृद्धि करने वाला,कृमि का नाश करने वाला,यौन दुर्बलता को दूर करने वाला,कफ के दोषों को दूर करन
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें