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अर्जुन की छाल और दालचीनी के फायदे: Arjun Ki Chhal Aur Dalchini Ke Fayde
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अर्जुन की छाल और दालचीनी के फायदे: Arjun Ki Chhal Aur Dalchini Ke Fayde
दालचीनी का प्रयोग लगभग हर घर में मसालों के रूप में प्रयोग किया जाता है।यह खाने के सुगन्ध को बढ़ाने के साथ साथ हमारे शरीर में होने वाले कई रोगों से बचाने में सहायक होता है।
इसी प्रकार से आयुर्वेद में अर्जुन की छाल का प्रयोग भी हमारे शरीर में होने वाले विभिन्न प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है।
तो आइये जानते हैं अर्जुन की छाल और दालचीनी के फायदे के बारे में विस्तार से-
दालचीनी : Dalchini
दालचीनी का प्रयोग हर घर में मसालों के रूप में किया जाता है।दालचीनी का वैज्ञानिक नाम सिनॅमोमम झेलॅनिकम (Cinnamon) है।
इसकी की तासीर गर्म होती है।यह कफ और वात से होने वाले रोगों को दूर करने वाली औषधि है।
इसीलिए इसका प्रयोग जाड़े के मौसम में होने वाले सर्दी-खाँसी,जोड़ों के दर्द,हृदय से सम्बंधित रोग,शुगर आदि को दूर करने के लिए किया जाता है।
क्योंकि जाड़े के मौसम में कफ और वात का प्रकोप बढ़ जाता है।
दालचीनी के फायदे:Dalchini Ke Fayde
जोड़ो के दर्द एवं सूजन को कम करे
दालचीनी में एंटीइंफ्लेमेटरी अर्थात सूजन को कम करने का गुण पाया जाता है।
जिन लोगों को जोड़ो में दर्द अथवा शरीर में कही भी सूजन की समस्या होती है उनके लिए दालचीनी का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है।
दांतों के दर्द में लाभदायक
जिन लोगों के दांतों और मसूड़ों में सूजन एवं दर्द की शिकायत होती है।उनके लिए दालचीनी का प्रयोग बहुत ही लाभकारी होता है।
इसके लिए दालचीनी के पाउडर का पेस्ट बनाकर दर्द वाली जगह पर लगाने से दांतों के दर्द में लाभ होता है।
एलर्जी की बीमारी में लाभदायक
एलर्जी की बीमारी में भी दालचीनी का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है क्योंकि इसमें एंटीएलर्जिक एवं एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है।
इसके लिए एक चम्मच दालचीनी पाउडर और एक चम्मच शहद को आपस में अच्छी तरह मिलाकर रोज सुबह खाली पेट सेवन करें।
हड्डियों के बढ़ने में
कभी-कभी देखा गया है कि क़ुछ लोग को एड़ी, कुहनी और गर्दन की हड्डियों के बढ़ने के कारण दर्द से बहुत परेशान रहते हैं ऐसे लोगों के लिए दालचीनी के पाउडर का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है।
इसके लिए एक चम्मच दालचीनी और एक चम्मच मधु को आपस में मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करना चाहिए।
शुगर की बीमारी में लाभदायक
यदि आपको शुगर की बीमारी है और आपके शरीर में इंसुलिन कम मात्रा में बनती है तो उनके लिए दालचीनी का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है।क्योंकि
दालचीनी में एंटीडीबिटिक गुण पाया जाता है।जो पैंक्रियाज से निकलने वाले इंसुलिन की मात्रा को बढ़ा देता है।जिसके कारण ब्लड में शुगर की मात्रा नियंत्रित रहती है।
दालचीनी का नियमित सेवन से कैंसर जैसी बीमारी होने का खतरा बहुत ही कम हो जाता है।क्योंकि दालचीनी में जबरदस्त एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है जो कैंसर की कोशिकाओं को फैलने से रोकता है।
अर्जुन की छाल के फायदे इन हिंदी
आयुर्वेद के अनुसार अर्जुन एक बहुत ही महत्वपूर्ण औषधीय गुणों वाला पौधा है। इसका वैज्ञानिक नाम टर्मिनेलिया अर्जुन है।
अर्जुन का पेड़ ज्यादातर हिमालय के मैदानी भागों से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार,मध्यप्रदेश आदि राज्यों और वनविभाग द्वारा सड़कों के किनारे लगाए जाने वाले पेड़ो में बहुतायत से पाया जाता है।
अर्जुन के पेड़ में बीटा-सिटोस्टिरोल,पोटैशियम, मैग्नीशियम, कैल्सियम, इलेजिक एसिड, ट्राईहाइड्रोक्सी ट्राईटरपीन, मोनो कार्बोक्सिलिक एसिड, अर्जुनिक एसिड आदि रसायन पाया जाता है।
आयुर्वेद की दृष्टि से अर्जुन की छाल और रस का ही विभिन्न रोगों के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
विश्वप्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ•प्रताप चौहान के अनुसार अर्जुन की छाल का प्रयोग हृदय रोग, ब्लडप्रेशर, शुगर,क्षय रोग मोटापा आदि को दूर करने के लिए किया जाता है।
तो आइये जानते हैं अर्जुन की छाल के फायदे के बारे में पूरी जानकारी।
अर्जुन की छाल के फायदे
निम्नलिखित रोगों के उपचार में अर्जुन की छाल का प्रयोग किया जा सकता है।
हृदय रोग में फायदेमंद
दिल के रोगों के लिए अर्जुन की छाल एक बहुत ही महत्वपूर्ण औषधि है।यह हृदय की धमनियों में जमने वाले कोलेस्ट्रॉल को पिघला कर बाहर निकाल देती है।
जिससे हृदय की धमनियों में खून का संचार सुचारू रूप से होने लगता है।इसके लिए 3 से 6 ग्राम की मात्रा में अर्जुन की छाल के चूर्ण का सुबह खाली पेट सेवन करने से हृदय रोग में लाभ होता है।
मुँह के छालों में लाभकारी
अर्जुन के छाल की तासीर ठंडी होती है इसलिए शरीर में पित्त दोष बढ़ने के कारण होने वाले मुँह के छालों को दूर करने में अर्जुन की छाल बहुत ही फायदेमंद होता है।
इसके लिए अर्जुन की छाल के पाउडर को नारियल के तेल में मिलाकर मुँह के छालों पर लगाने से लाभ होता है।
टूटी हड्डियों को जोड़ने में
अर्जुन की छाल में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है जो टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने में मदद करता है।
इसके लिए एक चम्मच अर्जुन की छाल के पाउडर को एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर दो सप्ताह तक सेवन करने से टूटी हुई हड्डियां जुड़ जाती हैं।
शुगर लेवल को कम करने में
अर्जुन की छाल में शुगर को कंट्रोल करने वाला एंटीडीबिटिक गुण पाया जाता है।जो ब्लड में शुगर की मात्रा को करने का काम करता है।
इसके लिए अर्जुन की छाल का पाउडर और जामुन की गुठली के पाउडर को बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह शाम एक-एक चम्मच की मात्रा में सेवन करने से ब्लड में शुगर की मात्रा कंट्रोल में रहती है।
अर्जुन की छाल में जबरदस्त एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है जो चेहरे पर होने वाले पिम्पल्स और कील-मुहासों को दूर करने में मदद करता है।
इसके लिए रात को सोते समय अर्जुन की छाल का पाउडर और शहद(मधु)को मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे के दाग धब्बे दूर हो जाते हैं।
अर्जुन की छाल ब्लड प्रेशर
अर्जुन की छाल को आयुर्वेद में बहुत महत्वपूर्ण औषधि के रूप जाना जाता है।जिसका उपयोग वर्षों से ब्लडप्रेशर और हृदय रोग से सम्बंधित दवाइयां बनाने में किया जाता है।
अर्जुन की छाल में पाया जाने वाला ट्राइग्लिसराइड्स जो हृदय की धमनियों में जमने वाले कोलेस्ट्रॉल को पिघलाकर ब्लड प्रेसर को नार्मल करने में सहायता करता है।
इसके लिए अर्जुन की छाल के पाउडर को 3 से 6 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी अथवा दूध के साथ रोजाना सेवन करने से ब्लडप्रेशर से सम्बंधित बीमारी दूर हो जाती है।
अर्जुन की छाल कोलेस्ट्रॉल
दिल के रोगियों के लिए अर्जुन की छाल का प्रयोग बहुत ही फायदेमंद साबित होता है।
जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ रहता है और जरा सा भी इधर उधर घूमने फिरने से दिल की धड़कन बढ़ जाती है।
और सांसें फूलने लगती हैं उनके लिए अर्जुन की छाल का प्रयोग बहुत लाभकारी होता है।
क्योंकि अर्जुन की छाल में ट्राइग्लिसराइड्स पाया जाता है जो हृदय की धमनियों में जमने वाले कोलेस्ट्रॉल को गलाकर बाहर निकाल देती हैं।
जिससे हृदय की धमनियों में रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से होने लगता है।और हृदयाघात होने की सम्भावना बिल्कुल कम हो जाती है।
अर्जुन की छाल बालों के लिए
अर्जुन की छाल में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीफंगल गुण पाया जाता है जो बालों को मजबूत और काला बनाये रखने में मदद करता है।
इसके लिएअर्जुन की छाल को पीसकर उसका पाउडर बना लें और उसमें मेंहदी के पाउडर को बराबर मात्रा में मिलाकर उसका पेस्ट बनाकर बालों में लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करें?
• डॉ•प्रताप चौहान के अनुसार अर्जुन की छाल तीन तरह से उपयोग किया जा सकता है।
• आप चाहे तो अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाकर उपयोग कर सकते हैं।
• आप चाहे तो अर्जुन के छाल की चाय बनाकर पी सकते हैं।
• आप चाहे तो अर्जुन की छाल का पाउडर बनाकर 3 से 6 ग्राम की मात्रा में दूध अथवा गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है।
तो आइये जानते हैं अर्जुन की छाल की चाय कैसे बनाते हैं।
अर्जुन की छाल की चाय कैसे बनाते हैं?
अर्जुन के छाल की चाय बनाना बिल्कुल ही आसान है।इसके लिए आधा चम्मच अर्जुन की छाल के पाउडर को लें और उसमें दो कप पानी डालकर धीमी आंच पर तब तक उबालें जब तक पानी आधा न रह जाय और उसमें टेस्ट के लिए शहद या मिश्री को मिलाएं बस अब आपकी चाय पीने के लिए तैयार है।
अर्जुन की छाल का काढ़ा कैसे बनायें?
अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाने के लिए एक चम्मच(लगभग 3 से 5 ग्राम) अर्जुन की छाल का पाउडर लें और उसमें एक गिलास पानी(लगभग 300 मिलीलीटर)डालकर उसे धीमी आंच पर अच्छी तरह से उबालें जब पानी आधा रह जाय तब उसे ठंडा करके छान लें बस आपका अर्जुन की छाल का काढ़ा बनकर तैयार है।अब इसे 50 से 100 ml की मात्रा में रोज सुबह खाली पेट सेवन करें।
अर्जुन के छाल की तासीर
अर्जुन की छाल में पित्त दोष(गर्मी)को दूर करने का गुण पाया जाता है।इससे कहा जा सकता है कि अर्जुन के छाल की तासीर ठंडी होती है।
यह गर्मी के कारण होने वाले रोग जैसे पेट व सीने में जलन,मुँह के छाले,चेहरे पर फोड़े फुंसी व झाइयां, बालों का झड़ना,हृदय से सम्बंधित रोग आदि को दूर करता है।
अर्जुन की छाल और दालचीनी के नुकसान
अर्जुन की छाल और दालचीनी दोनों ही औषधि शरीर में होने वाले विभिन्न रोगों जैसे ब्लडप्रेशर, शुगर, हृदय से सम्बंधित रोग,मोटापा आदि रोगों को दूर करने में बहुत ही फायदेमन्द होता है।
लेकिन कहा जाता है कि अति हर चीज के लिए नुकसानदेह होता है।
ठीक उसी प्रकार से अर्जुन की छाल और दालचीनी का अधिक मात्रा में सेवन करने से उसके कुछ नुकसान भी होते हैं।
तो आइये जानते हैं अर्जुन की छाल और दालचीनी के नुकसान के बारे में पूरी जानकारी-
अर्जुन की छाल के नुकसान
अधिक मात्रा में अर्जुन की छाल का प्रयोग करने से निम्नलिखित नुकसान हो सकता है।
• अर्जुन की छाल में ब्लड प्रेशर को कम करने का गुण पाया जाता है।
•अधिक मात्रा में इसका प्रयोग करने से ब्लडप्रेशर बहुत नीचे जा सकता है।
•जिससे अंगो में थकावट,सुस्ती और चक्कर आने की समस्या हो सकती है।
• अर्जुन की छाल में एंटीडीबिटिक गुण पाया जाता है।जो ब्लड में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है।
•अधिक मात्रा में इसका प्रयोग करने से ब्लड में शुगर की मात्रा बहुत कम हो सकती है।जिससे डायबिटीज कोमा होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
• प्रैग्नेंट लेडी को अर्जुन की छाल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।किसी विशेष परिस्थिति में अर्जुन की छाल का प्रयोग करने से पहले विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लेना चाहिए।
दालचीनी के नुकसान
निम्नलिखित परिस्थितियों में दालचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए।
• जो लोग पित्त (गर्म)प्रकृति के होते हैं उन्हें दालचीनी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।क्योंकि दालचीनी की तासीर गर्म होती है।
• जो लोग पीलिया(पांडुरोग)रोग से पीड़ित हैं उन्हें दालचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए।
• दालचीनी के अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट से सम्बंधित बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
• गर्भवती महिलाओं को दालचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसके सेवन से गर्भपात हो जाने की सम्भावना रहती है।
• जिन लोगों को गर्मी के कारण मुँह में छाले पड़ जाते हैं उन्हें दालचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQ
Q•अर्जुन की छाल कितने दिन पीना चाहिए?
A•किसी भी रोग में अर्जुन की छाल को कम से कम एक महीने तक लगातार पीने से लाभ होता है।
Q•अर्जुन की छाल से मोटापा कैसे कम होता है?
A•अर्जुन की छाल में हाइपोलिपिडेमिक गुण पाया जाता है जो फैट को बर्न कर मोटापा को कम करता है।
Q•अर्जुन की छाल कैसे पिए?
A•अर्जुन की छाल का पाउडर बनाकर,चाय बनाकर अथवा अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है।
Q•अर्जुन की छाल का काढ़ा खाली पेट पी सकते हैं क्या?
A•अर्जुन की छाल का काढ़ा खाली पेट पीना हृदय रोग, ब्लडप्रेशर ,डायबिटीज, मोटापा आदि रोगों को दूर करने के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
Q•अर्जुन की छाल की तासीर क्या होती है?
A•अर्जुन की छाल की तासीर ठंडी होती है।
Q•अर्जुन की छाल कहा मिलेगा?
A•अर्जुन की छाल जड़ी बूटी बेचने वाले हर दुकान पर बहुत ही आसानी से मिल जाएगा।
इस लेख में आपने जाना कि अर्जुन की छाल और दालचीनी के फायदे,अर्जुन की छाल का काढ़ा कैसे बनाये?,अर्जुन की छाल की चाय कैसे बनाते हैं?,अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करें?,अर्जुन की छाल और दालचीनी के नुकसान के बारे में पूरी जानकारी।
हमें आशा है कि अर्जुन की छाल और दालचीनी के फायदे के बारे में पूरी जानकारी मिल गयी होगी।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की Health Sahayata पुष्टि नहीं करता है, इनको केवल सुझाव के रूप में लें, इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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