Natrum Sulph 200 Uses in Hindi | नेट्रम सल्फ के फायदे,उपयोग की पूरी जानकारी

 नैट्रम सल्फ्यूरिकम 200 उपयोग |Natrum Sulph 200 Uses in Hindi

वे व्यक्ति जो जरा सी मौसम की तब्दीली या नम वातावरण में रहने से बीमार हो जाते हैं उनके रोग के इलाज में Natrum sulph 200 use करने से फायदा होता है।इसका रोगी नदी- नालाओं के पास उगने वाले फल और सब्जियों को खाकर बीमार हो जाता है।

Natrum Sulph 200 Uses in Hindi
Natrum Sulph 200 Uses in Hindi

 

 

 

यह दवा नेट्रम मयूर और सल्फर को एक साथ मिलाकर बनाई जाती है।यह दवा उन लोगों को ज्यादा फायदा करती है जिनके अंदर कुछ लक्षण नेट्रम मयूर के और कुछ लक्षण सल्फर के पाए जाते हैं।उनके रोग के इलाज में Natrum sulph 200 uses in hindi से फायदा होता है।

नेट्रम सल्फ 200 के लक्षण | Natrum Sulphuricum 200 Symptoms in Hindi

निम्नलिखित लक्षणों को ध्यान में रखकर यदि नेट्रम सल्फ का प्रयोग किया जाता है तो रोगी के आरोग्य होने की शतप्रतिशत सम्भावना रहती है।

  • ग्रीष्म ऋतु के बाद बारिस होने पर रोगी का अपनेआप को बीमार समझना।
  • समुद्र की हवा या तालाब के किनारे होने वाली साग-सब्जियों को खाकर बीमार हो जाना।
  • हर साल जाड़े के मौसम में चर्म रोगों का प्रकट हो जाना।
  • सिर में चोट लगकर दिमाग में गड़बड़ी हो जाना।
  • आँखों में तेज रोशनी सहन न होना।
  • महिलाओं को मासिक धर्म के समय नाक से खून आना।
  • बार-बार पित्त की उल्टी व दस्त होना।
  • एकाएक पखाना लग जाना और बड़े जोर से शब्द के साथ पतले दस्त आना।
  • लिवर में सूजन व दर्द होना।
  • बार-बार पेशाब होना।
  • कलेजे में दर्द के कारण खांसते समय रोगी का अपने दोनों हाथों से कलेजे को दबाकर बिस्तर पर से उठके बैठ जाना।
  • ठंडा पानी मुँह में लेने से दांतों के दर्द का कम हो जाना।

नेट्रम सल्फ 200 में मिलाई जाने वाली सामग्री |Nat Sulph 200 Ingredients in Hindi

नेट्रम सल्फ में मुख्य रूप से नैट्रम म्यूर और सल्फर ही होता है।

Natrum Sulph 200 Uses in Hindi | नेट्रम  सल्फ 200 के उपयोग

निम्नलिखित लक्षणों में नैट्रम सल्फ्यूरिकम 200 उपयोग से फायदा होता है।आधी रात के बाद और सुबह के समय इसके रोगी की सब तकलीफें बढ़ जाती है।

मन के लक्षण

नैट्रम सल्फ्यूरिकम का रोगी मानसिक रूप से बहुत ही कमजोर होता है। मानसिक परिश्रम बिल्कुल ही नहीं कर सकता है। वह उदास और चिड़चिड़े मिजाज का होता है।

किसी से भी बात करना उसे बिल्कुल पसंद नहीं होता है। म्यूजिक सुनने से उसे तकलीफ होती है।

आँखों के लक्षण

आँखों के रोग में भी नैट्रम सल्फ्यूरिकम 200 के उपयोग से फायदा होता है।इसमें रोगी की आंखों में छोटी छोटी फुंसियों के दाने निकलते हैं।

रोगी की आँखें सुबह के समय कीचड़ से सट जाती हैं जिससे रोगी सुबह उठकर तुरंत अपनी आँखों को खोल नहीं सकता है।रोगी को प्रकाश की ओर देखने से तकलीफ होती है।

कान के लक्षण

नैट्रम सल्फ के रोगी के कानों में घण्टा बजने की तरह आवाज सुनाई देती है।दाहिने कानों में सुई चुभने की तरह दर्द होता है।जो ठंडी हवा से गर्म कमरे में जाने से या नम वातावरण में रहने से वृद्धि होती है।

नाक के लक्षण

नैट्रम सल्फ के रोगिणी को रजोधर्म के समय नाक से खून आता है, जबकि रजोधर्म का स्राव रुककर नाक से खून आना पल्सेटिला और ब्रायोनिया का लक्षण है।

दाँतों में दर्द के लक्षण

नैट्रम सल्फ रोगी के दाँतों का दर्द गर्म हवा में रहने अथवा गर्म पानी के पीने से बढ़ता है, जबकि ठण्डी हवा में रहने या ठंडा पानी मुँह में लेने से दर्द में कमी होती है।

पेट के लक्षण

नैट्रम सल्फ रोगी को खाना खाने से पहले नाभि के चारों तरफ पेट दर्द  होता है,और खाना खाने से पहले जी मिचलाता है, उल्टी होने के बाद भी मिचली नहीं जाती है।

और खाना खाने के बाद कुछ आराम मिलता है।पेट में बहुत हवा भर जाती है और गड़गड़ाहट होती है।हवा खारिज होने से रोगी को आराम मिलता है।

शाम के वक्त रोगी ठंडा पानी पीना चाहता है।लेकिन ठंडा पानी पीने से उसकी सब की तकलीफें बढ़ जाती हैं।रोगी के मुँह में हमेशा खट्टा पानी आता रहता है।

दस्त के लक्षण

नम वातावरण में रहने या भीगी जमीन में काम करने से यदि दस्त आने लगे तो नैट्रम सल्फ्यूरिकम 200 के उपयोग से तुरंत फायदा होता है।

नैट्रम सल्फ रोगी को सुबह उठने पर कुछ दूर चलने के बाद पखाने जाना पड़ता है।जबकि सल्फर रोगी को विस्तर से उठने के बाद दौड़कर पखाने जाना पड़ता है।

खांसी के लक्षण

नैट्रम सल्फ रोगी को जरा सी ठंडी हवा लगते ही जोर की खाँसी आती है।खाँसी आने पर रोगी के बायीं तरफ छाती में दर्द होता है, और रोगी खाँसी आने के समय दोनों हाथों से छाती को दबाये रखता है।

खाँसी आने पर दायीं तरफ छाती में दर्द का होना ब्रायोनिया का लक्षण है।नैट्रम सल्फ की खाँसी ढीली होती है जबकि ब्रायोनिया की खाँसी सूखी होती है।

सिर में चोट के लक्षण

यदि किसी व्यक्ति को गिरकर या अन्य किसी कारण से सिर में चोट लग जाये और उस व्यक्ति के सिर में दर्द होने लगे या फिर उसकी स्मरण शक्ति बहुत कमजोर हो जाये,रोगी बकबकाने लगे या फिर उसका कोई अंग शून्य पड़ जाए  तो इस प्रकार के मस्तिष्क के बुरे फल में Natrum sulph 1m uses करने से फायदा होता है।

बुखार के लक्षण

यदि किसी व्यक्ति को बुखार की शिकायत हो, फिर वह चाहे किसी भी प्रकार का बुखार हो जैसे मलेरिया बुखार, सर्दी का बुखार,पित्त-ज्वर,सविराम-ज्वर,अविराम-ज्वर आदि किसी भी प्रकार का बुखार क्यों न हो यदि बुखार चढ़ते ही रोगी के हाथ,पांव,मुँह, आँख और पूरे शरीर में जलन हो और बुखार के लक्षण शाम के समय बढ़े तथा मुँह का स्वाद तीता रहे तो इस प्रकार के बुखार को दूर में natrum sulphuricum 6x uses करने से फायदा होता है।

वात रोग के लक्षण

यदि किसी व्यक्ति को नम वातावरण में रहने,नदी या तालाब के किनारे उगने वाले फल या सब्जियों को खाने या ओदी जमीन पर लेटने से उसके कमर,घुटने अथवा गर्दन में दर्द होने लगे तो उसमें नैट्रम सल्फ्यूरिकम 200 उपयोग से तुरंत फायदा होता है।

लिवर में सूजन व दर्द के लक्षण

यदि कोई व्यक्ति बहुत दिनों से पुराने दस्त से पीड़ित हो जिसके कारण उसके लिवर में सूजन और दर्द हो,रोगी बायीं करवट लेट न पाये, मुँह का स्वाद तीता या खट्टा हो तो इस प्रकार के लिवर में सूजन व दर्द के लक्षण में natrum sulphuricum 6x uses करने से सूजन व दर्द आराम मिलता है।

दमा के लक्षण

वे व्यक्ति जिनकी दमे की बीमारी का प्रकोप नम और बरसात का मौसम आते ही शुरू हो जाता है उनके दमे के इलाज में natrum sulphuricum 6x uses करने से बीमारी बहुत जल्द ठीक हो जाती है।

डाइबिटीज के लक्षण

यदि किसी व्यक्ति को बरसात के नम वातावरण के कारण या गीली मिट्टी में रहने से बहुमूत्र रोग हो जाय,जिसमें रोगी को बार बार रात को पेशाब करने जाना पड़े और पेशाब में पीला तलछट नीचे बैठ जाता हो तो उसमें नैट्रम सल्फ होमियोपैथिक दवा के प्रयोग से फायदा होता है।

चर्म रोग के लक्षण

नम और बरसात के मौसम में होने वाले एक्जिमा,कपड़े उतारते समय होने वाली खुजली आदि में इस दवा के प्रयोग से फायदा होता है।

नेट्रम सल्फ 200 खुराक | Natrum Sulphuricum 200 Dosage in Hindi

नेट्रम सल्फ 200 होम्योपैथिक दवा की खुराक का चयन व्यक्ति के रोग के लक्षणों,रोगी की आयु और लिगं के आधार पर किया जाता है। लेकिन आमतौर पर, इस दवा की सुझाई गई खुराक निम्नलिखित होती है:

  •  Natrum Sulph 30 को 3 से 5 बून्द दिनभर में 3 बार।
  • Natrum Sulph 200 को 3 से 5 बून्द दिनभर में 2 बार।
  •  Natrum Sulph1M को 3 से 5 बून्द सप्ताह में 1 बार।
  •  Natrum Sulph 3x को 4 से 6 टैबलेट की मात्रा में दिनभर में 3 बार आधा कप पानी के साथ लेना चाहिए।
  • Natrum Sulph 6x को 4 से 6 टैबलेट की मात्रा में दिनभर में 3 बार आधा कप पानी के साथ लेना चाहिए।
  • Natrum Sulph 12x को 4 से 6 टैबलेट की मात्रा में दिनभर में 3 बार आधा कप पानी के साथ लेना चाहिए।

लेना पर्याप्त होता है।हालांकि रोग की तीव्रता के आधार पर दवा की मात्रा को कम या अधिक किया जा सकता है।

नेट्रम सल्फ 200 की कीमत | Nat Sulph 200 Price in India

Nat Sulph 200 होम्योपैथिक दवा की कीमत भिन्न-भिन्न ब्रांड और जगहों पर भिन्न हो सकती है।

भारत में  SBL कम्पनी की Nat Sulph 200 की 30 ml दवा की कीमत सामान्य रूप से 94 से 102 रुपये के बीच है।

हालांकि, इसकी वास्तविक कीमत आपकी जगह और दुकान से भी भिन्न हो सकती है, इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने स्थानीय होम्योपैथिक दुकान से इस दवा की वास्तविक कीमत की जांच कर लें।

नेट्रम सल्फ 200 के नुकसान | Nat Sulph 200 Side Effects in Hindi

Nat Sulph 200 को एक कुशल होम्योपैथिक चिकित्सक की देख-रेख में लेने से इस दवा का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है।

सम्बन्ध

नेट्रम मयूर और सल्फर के साथ इसका पूरक सम्बन्ध है।

 रोग में वृद्धि

नम और बरसात के मौसम में और नदी और तालाब के किनारे उगने वाले फल व सब्जियों के खाने से रोग में बृद्धि होती है।

रोग में कमी या आराम

खुश्क (गर्म) और साफ वातावरण में रहने से रोग में कमी होती है।

इस लेख में आपने जाना Natrum sulph 200 uses in hindi |नैट्रम सल्फ्यूरिकम 200 उपयोग के बारे में पूरी जानकारी।

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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की healthsahayata.inपुष्टि नहीं करता है, इनको केवल सुझाव के रूप में लें, इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

नेट्रम सल्फ 200 के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

 

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Q• नट सल्फ क्या है?

Ans• नट सल्फ एक होम्योपैथिक दवा है

Q• नट सल्फ किससे बनता है?

Ans• नट सल्फ में मुख्य रूप से नैट्रम म्यूर और सल्फर ही होता है।

Q• नैट्रम सल्फ्यूरिकम 6x का उपयोग क्या है?

Ans• नैट्रम सल्फ्यूरिकम 6x का उपयोग वात रोग, पाचन तंत्र के रोग,सिर दर्द,डाइबिटीज, चर्म रोग और लिवर में सूजन आदि को ठीक करने के लिए किया जाता है।

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