Thuja 200 Uses in Hindi | थूजा 200 के फायदे एवं उपयोग के बारे में पूरी जानकारी

 Thuja 200 Uses in Hindi|थूजा 200 के फायदे एवं उपयोग के बारे में पूरी जानकारी

थूजा एक एंटीसाइकोटिक (प्रमेह-विष नाशक) होम्योपैथिक दवा है।शरीर के बाएं अंग पर इस औषधि की विशेष क्रिया होती है।

यह दवा उन रोगियों को ज्यादा फायदा करती है जिनके शरीर पर बहुत अधिक मस्से होते हैं, जिनके शरीर के सिर्फ खुले हुए अंगों (सिर को छोड़कर) पर पसीना आता है,जिन्हें नींद आते ही पसीना आता है और नींद टूटते ही पसीना आना बंद हो जाता है।

Thuja 200 Uses in Hindi

 

 

आँख बंद करने से चक्कर आना थूजा का विशेष लक्षण है।ऐसे विलक्षण प्रकृति के रोगियों के रोग के इलाज में thuja 200 uses in hindi से फायदा होता है।

इसके अलांवा स्त्री और पुरुष की जननेन्द्रिय पर मस्से होना,बहुत ज्यादा मात्रा में पेशाब होना इतने पर भी मूत्र नली में जलन होना,टीका लगने के बाद किसी दूसरी बीमारी का उत्तपन्न हो जाना।

सुबह पहली बार भोजन करने के बाद दस्त आना, जीभ और मुँह के अंदर छाले होना आदि लक्षणों में Thuja 200 uses in Hindi से फायदा होता है।

 थूजा क्या है ( What is thuja 200 in hindi )

थूजा एक होम्योपैथिक दवा है।इसका पूरा नाम थूजा आक्सिडेण्टैलिस (Thuja Occidentalis) है।यह दवा कनाडा के जंगलों में पाये जाने वाले एक प्रकार के गाछ के पौधे के पत्ते से इसका टिंचर बनाया जाता है।

यह एक प्रमेह-विष नाशक होम्योपैथिक दवा है।इस दवा का मुख्य असर चर्म, मूत्रयंत्र और जननेन्द्रिय पर होता है।

थूजा 200 के उपयोग | thuja 200 uses in hindi

निम्नलिखित लक्षणों में थूजा 200 उपयोग से फायदा होता है।

मानसिक लक्षण

थूजा रोगी का मानसिक लक्षण बड़ा ही विचित्र होता है।वह सोचता है कि उसका शरीर शीशे के बना हुआ है।

जो किसी के छूने मात्र से ही टूट जाएगा।इसलिए वह किसी को भी अपने पास आने नहीं देता है।

वह सोचता है कि उसके पास कोई अनजान व्यक्ति खड़ा है,उसका शरीर और आत्मा अलग-अलग है,उसके पेट में कोई जीता जानवर हरकतें कर रहा है।

वह सोचता है कि मैं किसी दैवीय  शक्ति के वश में हूँ।थूजा की रोगिणी हमेशा अपने को गर्भवती ख्याल करती है।

वह सोचती है कि उसके पेट के अंदर उसका बच्चा हाथ-पांव हिला रहा है।

थूजा रोगी बड़ा ही बदमिजाज,चिड़चिड़ा और जिद्दी स्वभाव का होता है।जरा सी बात पर रो देता है।

जीना नहीं चाहता है, जिंदगी से बेजार हो जाता है।वह किसी भी बात को ऐनाकार्डियम रोगी की तरह बहुत जल्दी भूल जाता है।

वह नक्स वोमिका और चायना के रोगी की तरह मानसिक परिश्रम बिल्कुल ही नहीं करना चाहता है।

सिर के लक्षण

थूजा रोगी के सिर में ऐसा दर्द होता है कि मानो उसके खोपड़ी में कोई कील ठोक रहा है।

खुली हवा में रहने से रोगी को सिर दर्द में आराम मिलता है जबकि खोपड़ी को छूने से,अधिक हस्थमैथुन से,गर्म कमरे के अंदर रहने और चाय पीने से रोग में वृद्धि होती है।

सिर में सफेद छिलकेदार रूसी होती है।सुजाक दोष के कारण होने वाले पुराने सिर दर्द में भी thuja 200 use करने फायदा होता है।आँख बंद करने से चक्कर आना थूजा का विशेष लक्षण है।

आँखों के लक्षण

आँखों की पलकों पर होने वाले बिलनियों को ठीक करने के लिए थूजा 200 एक रामबाण औषधि है।

थूजा रोगी के आँखों के अंदर मस्से की तरह एक प्रकार के दाने निकलते हैं।

जो कि गर्मी से या आँखों को ढकने से आराम मिलता है।खुली हवा में रहने से रोगी को ऐसा मालूम होता है कि मानो उसके आँखों में हवा का झोंका जा रहा हो।

आँखों के इस प्रकार के लक्षण में Thuja 200 Uses in hindi से लाभ होता है।

कान के लक्षण

बहुत दिनों का कान से बहने वाला स्राव जिसमें से सड़े मांस की तरह बदबूदार पीव नकलती है, इसके अलावा कान के अंदर सूखे मस्से जिसको जरा सा छूने से उसमें से खून निकलने लगता है।उसमें थूजा 200 के उपयोग से फायदा होता है।

नाक के लक्षण

इस दवा के रोगी के नाक में खुजली और नाक के अंदर घाव जिसमें से बदबूदार स्राव निकलता है।नाक की जड़ में दर्द होता है।उसमें थूजा 200 के उपयोग से फायदा होता है।

मुँह में छाले के लक्षण

यदि किसी व्यक्ति को बार-बार मुँह में छाले हो जाते हो और वह किसी भी औषधि से आराम न होता हो तो वहां पर थूजा 200 के उपयोग से अवश्य ही लाभ हो जएगा।

दाँतों के लक्षण

इस दवा में रोगी  के दांत का ऊपरी भाग तो ठीक रहता है लेकिन उसके दांत की जड़ घुन जाती है।

जिसके कारण रोगी का दांत टूटने और पीला पड़ने लगता है। चाय पीने से रोगी के दांतों में दर्द होना इसका एक विशेष लक्षण है।

कब्ज के लक्षण

थूजा रोगी को बहुत ही सख्त कब्ज होता है।जिसके कारण उसके आँतों इतना दर्द होता है कि वह पखाने को जाना ही नहीं चाहता है।
पखाने जाने पर मल थोड़ा सा बाहर निकलकर फिर अंदर चला जाता है।मलद्वार में खुजली होती है।बबासीर के मस्सों में सूजन और जलन होती है।
जो छूने या बैठने से बबासीर के मस्सों में दर्द बढ़ जाता है।तो थूजा 200 के उपयोग से फायदा होता है।

दस्त के लक्षण

रोज सुबह के समय खाना खाने के बाद पतले दस्त का आना इस दवा का एक प्रमुख लक्षण है।
पेट में गड़गड़ाहट होती है।हवा खारिज होने के साथ बड़े वेग से पतला दस्त आता है।
खाना खाने, काफी पीने, टीका लगवाने और प्याज खाने के बाद पतले दस्त आने पर थूजा 200 के उपयोग से तुरन्त फायदा होता है।

पेशाब के लक्षण

इस दवा में रोगी को पेशाब करने के अंत में ऐसा जलन होता है कि मानो मूत्र नली को कोई काट रहा है।
 रोगी को पेशाब का वेग बहुत अधिक रहने पर भी पेशाब बूँद-बूँद कर टपकता है।पेशाब होना खतम होने पर भी रोगी समझता है कि मूत्र नली में थोड़ा और पेशाब बाकी रह गया है।
रोगी को ऐसा महसूस होता है कि पेशाब कपड़े के अंदर टपक रहा है।

पुरुष जननेन्द्रिय के लक्षण

सुजाक रोग दब जाने के बाद जननेन्द्रिय की त्वचा पर होने वाले अंजीर या फूलगोभी की तरह मस्से को दूर करने के लिए थूजा 200 होम्योपैथिक दवा एक अमोघ औषधि है।

स्त्रिजननेंद्रिय के लक्षण

थूजा रोगिणी की मासिकधर्म के समय सभी तकलीफें बढ़ जाती हैं।यह इस औषधि का विशेष लक्षण है।
इस दवा में स्त्रियों का गुप्तांग इतना नाजुक होता है कि उसे पति सहवास करने में बहुत कष्ट होता है।
इस प्रकार के लक्षण में  Thuja 200 Uses in hindi से फायदा होता है।

पसीना के लक्षण

थूजा रोगी के पसीने का लक्षण बहुत ही ध्यान देने योग्य है।इस दवा में रोगी को सिर्फ खुले हुए अंग पर पसीना आता है।
नींद आते ही पसीना आना और आँख खुलते ही पसीने का बंद हो जाना इस दवा का एक विशेष लक्षण है।
रोगी जिस करवट लेटता है ठीक उसके विपरीत पसीने का आना थूजा का एक विचित्र लक्षण है।

 थूजा 200 के फायदे | thuja 200  benefits in hindi

निम्नलिखित रोग लक्षणों में थूजा 200 होम्योपैथिक दवा फायदा करती है।

मस्सा के लक्षण

यदि शरीर के किसी अंग में मस्से हो और मस्से का आकार फूल गोभी या अंजीर की तरह के हो तो वहाँ पर थूजा 200 की 4 बूंद सुबह-शाम सीधे जीभ पर प्रयोग करने से फायदा होता है।
इसके साथ यदि थूजा मदर टिंचर का बाहरी प्रयोग मस्से पर किया जाता है तो और भी जल्दी फायदा होता है।
वात रोग के लक्षण

बबासीर के लक्षण

यदि किसी व्यक्ति को बबासीर की शिकायत है, उसके मलद्वार से बबासीर के मस्से गुच्छों के रूप में निकलते हैं और रोगी को बहुत असहनीय दर्द होता है।
 तो उस स्थिति में होम्योपैथिक थूजा 200 की 4 बूंद सुबह-शाम कुछ दिनों तक सीधे जीभ पर लेने से फायदा होता है।

नाखून के लक्षण

जिस व्यक्ति के नाखून में बार-बार इंफेक्शन हो जाता है और नाखून मोटे और कड़े होकर टूटने लगते हैं तो उस समय थूजा 200 होम्योपैथिक दवा का 4 बूँद सुबह-शाम कुछ दिनों तक लगातार प्रयोग करने से नाखून का टूटना बन्द हो जाता है।

बच्चेदानी में गांठ के लक्षण

जिन महिलाओं को बच्चेदानी में गांठ होती है उन्हें thuja 200 homeopathic medicine का 4 बूँद सुबह और 4 बूँद शाम को कुछ दिनों तक प्रयोग करने से फायदा होता है।

खाँसी के लक्षण

जिन लोगों को खाना खाने के बाद खाँसी आने लगती है तो उसमें थूजा 200 के उपयोग से फायदा होता है।

ज्वर के लक्षण

यदि किसी व्यक्ति को हर रोज 3 बजे भोर में बुखार आता है तो उसमें थूजा 200 के प्रयोग से फायदा होता है।

स्तन में गांठ के लक्षण

यदि किसी महिला को स्तन में गांठ हो और उसमें हमेशा दर्द बना रहता हो तो उस स्थिति में thuja 1M की एक खुराक का सप्ताह में एक बार प्रयोग करने से गांठे पूरी तरह से ठीक हो जाती हैं।

थूजा आक्सिडेण्टैलिस 200 का उपयोग कैसे करते हैं?

थूजा आक्सिडेण्टैलिस 200 का उपयोग बहुत सी बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है।
यदि आप थूजा 200 का प्रयोग जोडों के दर्द,मस्से, बबासीर, पेशाब से सम्बंधित बीमारी, स्तन में गांठ,बच्चेदानी का ट्यूमर आदि में करना चाहते हैं।
 तो थूजा आक्सिडेण्टैलिस 200 को सीधे जीभ पर लेना चाहिए अथवा अपने चिकित्सक के परामर्श से लेना चाहिए।
क्योंकि कि होम्योपैथिक दवा का प्रयोग रोगी की उम्र,लिंग और उसकी शारिरिक संरचना को ध्यान में रखकर किया जाता है।

सम्बन्ध

थूजा का मेडोराइनम, साइलीशिया, कैन्थेरिस और कोपेवा के साथ समगुण सम्बन्ध है।
मेडोराइनम, मर्क साल और नाइट्रिक एसिड के बाद थूजा के प्रयोग से अच्छा लाभ होता है।

रोग में वृद्धि

सुबह खाने के बाद और शाम 3 बजे के बाद, स्थिर रहने से,विस्तर की गर्मी से और तम्बाकू खाने से रोग में वृद्धि होती है।

रोग में कमी

खुली हवा में रहने से, चलने-फिरने से और गर्मी से रोग में कमी होती है।

दवा की मात्रा

वैसे तो थूजा का प्रयोग निम्न शक्ति से लेकर उच्च शक्ति के प्रयोग से फायदा होता है लेकिन मस्से को त्वचा पर से  हटाने में थूजा 1000 ( thuja 1m) के प्रयोग से फायदा होता है।

थूजा के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न ( FAQ)

Q• थूजा क्रीम किसके लिए प्रयोग किया जाता है?
 
Ans• थूजा क्रीम का उपयोग बबासीर के मस्से,चेहरे के दाग-धब्बे एवं मुहासों को दूर करने के लिए किया जाता है।
Q• होम्योपैथी में थूजा का उपयोग किस लिए किया जाता है?
 
Ans• होम्योपैथिक में थूजा का उपयोग वात रोग, त्वचा रोग गर्भाशय का ट्यूमर,बबासीर एवं मस्से आदि रोगों के इलाज के लिए किया जाता है।
Q• आप मौसा के लिए थूजा 200 का उपयोग कैसे करते हैं?
 
Ans• आप मौसा के लिए थूजा 200 का उपयोग 4 बूँद सुबह-शाम सीधे जीभ पर कर सकते हैं।
इसलेख में आपने जाना  thuja 200 uses in hindi के बारे में पूरी जानकारी।
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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की healthsahayata.inपुष्टि नहीं करता है, इनको केवल सुझाव के रूप में लें, इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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