Abrotanum 30 Uses in Hindi | एब्रोटेनम 30 उपयोग

 Abrotanum 30 Uses in Hindi|एब्रोटेनम 30 उपयोग

 

एब्रोटेनम एक होमियोपैथिक दवा है।एक प्रकार के लता के पत्ते से यह दवा बनाई जाती है। इसका सामान्य नाम (Shouthern Wood) दक्षिणी लकड़ी, लेडीज लव है।

 

Abrotanum 30 Uses in Hindi

 

यह दवा उन लोगों को ज्यादा फायदा करती है,जिनके शरीर का ऊपरी हिस्सा तो ठीक रहता है लेकिन शरीर का निचला हिस्सा(हाथ,पैर) सूखता चला जाता है।

जो व्यक्ति खाना तो बहुत खाते हैं लेकिन दिनप्रतिदिन सूखते चले जाते हैं।जो व्यक्ति बहुत चिड़चिड़े स्वभाव के होते हैं, गुस्से से सामने पड़ी किसी चीज को लात मार देते हैं,जिनको अतिसार की बीमारी ठीक होने पर गठिया रोग हो जाता है।

उन व्यक्तियों के रोग के इलाज में Abrotanum 30 Uses in Hindi |एब्रोटेनम 30 उपयोग से फायदा होता है।

Abrotanum 30 Uses in Hindi |एब्रोटेनम 30 उपयोग

निम्नलिखित लक्षणों में एब्रोटेनम 30 उपयोग से फायदा होता है।

मानसिक लक्षण

एब्रोटेनम का रोगी बहुत ही गुस्सेल और चिड़चिडे स्वभाव का होता है।वह सामने पड़ी किसी भी चीज को लात मारकर उसे दूर फेंक देता है।इसका रोगी हमेशा अपनी जिद्द पर अड़े रहने वाला बहसी होता है।इस दवा का रोगी बहुत ही छोटी सी बात पर बहुत ही जल्दी घबरा और निराश हो जाता है।

चेहरे के लक्षण

इस दवा के रोगी का चेहरा पिला और फीका दिखाई देता है, चेहरे पर झुर्रियां पड़ जाती हैं।रोगी के आँखों के चारों तरफ़ नीले रंग घेरे दिखाई देते हैं।कभी कभी नाक और मुँह से खून निकलता है

नाक के लक्षण

सुबह के समय छोटे छोटे बच्चों के नाक से खून आने पर इस औषधि के प्रयोग से बच्चों के नाक से खून आना बंद हो जाता है।

आमाशय के लक्षण

इस दवा में रोगी को राक्षसी भूख लगती है।इसके बाद भी रोगी दुबला होता जाता है रात के समय रोगी के पेट में कुतरता हुआ  तेज दर्द होता है,रोगी को ऐसा मालूम होता है कि जैसे उसकी आतें पानी में तैर रही हैं। और उल्टी होती है।

रोगी के मुँह का स्वाद हमेशा चिपचिपा और फीका रहता है।पखाने के साथ अनपचा भोजन निकलता है।

पेट के लक्षण

इस दवा में रोगी ऐसा समझता है कि उसके पेट में कोई गोला अटका हुआ है। रोगी को  पतले दस्त आते हैं, कभी कभी कब्ज भी रहता है।यदि किसी व्यक्ति के पतले दस्त की बीमारी आराम होकर गठिया रोग हो जाय तो एब्रोटेनम 30 के उपयोग से फायदा होता है

श्वसनतंत्र के लक्षण

इस दवा में रोगी को सांस लेकर  छोड़ने में बहुत तकलीफ होती है।रोगी को दस्त के बाद सूखी खाँसी आती है तथा हृदय और उसके आस-पास के  क्षेत्रों में तेज दर्द होने पर एब्रोटेनम 30 उपयोग करने से फायदा होता है।

एक बीमारी दबकर दूसरी बीमारी का प्रकट हो जाने का लक्षण

जब किसी व्यक्ति में एक बीमारी ठीक होकर दूसरी बीमारी प्रकट हो जाय तो उस व्यक्ति के उस रोग के इलाज में एब्रोटेनम होमियोपैथिक दवा के उपयोग से फायदा होता है जैसे-

पतले दस्त की बीमारी आराम होकर कब्ज या गठिया रोग हो जाय।

कर्णमूल की सूजन आराम होकर अण्डकोष में सूजन अथवा स्त्रियों की स्तन में गांठ हो जाय।

• बाहरी तेल द्वारा मालिस से गठिये की बीमारी आराम होकर दिल का रोग हो जाय।

• गठिये की बीमारी आराम होकर बवासीर की बीमारी हो जाय आदि।

तो एब्रोटेनम 30 उपयोग से फायदा होता है।

 

अण्डकोष में वृद्धि के लक्षण

सूखे रोग से ग्रस्त बच्चों की अण्डकोष में वृद्धि हो जाने पर एब्रोटेनम 30 उपयोग से बच्चों में होने वाली अण्डकोष की वृद्धि ठीक हो जाती है।

हाथ-पांव में दर्द के लक्षण

इस दवा में रोगी के कलाई,शोल्डर और टखने में दर्द होता है।रोगी के पैरों की अंगुलियों में सुई चुभने जैसा दर्द होता है।रोगी के पैर बहुत कमजोर और कड़े हो जाते हैं रोगी चलते समय लंगड़ाकर चलता है।

Abrotanum 200 Uses in Hindi

बबासीर के लक्षण

यदि किसी व्यक्ति को बबासीर की बीमारी हो और उसके साथ उसकी सेक्रम हड्डी में दर्द हो तो abrotanum 200 uses in hindi से फायदा होता है।

पीठ दर्द के लक्षण

इस औषधि में रोगी की गर्दन इतनी कमजोर हो जाती है।रोगी अपनी गर्दन को उठाकर नही चल सकता है।रोगी के पीठ में दर्द होता है।रोगी अपनी पीठ को सीधा करके चल नहीं सकता है।कमर में दर्द होता है। सिर भारी लगने लगता है।

गठिया वात के लक्षण

यदि किसी रोगी को जोड़ो में गठिया का दर्द होता हो, लेकिन वह दर्द पतले दस्त आने पर कम हो जाता है।कब्ज होने पर फिर से गठिया का दर्द होने लगता है तो इस प्रकार के गठिया के दर्द के इलाज में Abrotanum 200 uses in hindi से फायदा होता है।

सुखण्डी रोग के लक्षण

सुखण्डी रोग के लिए एब्रोटेनम एक अमोघ औषधि है।इस दवा का सबसे प्रमुख लक्षण यह होता है कि

रोगी के पैर सबसे पहले सूखना आरम्भ होता है।और रोग धीरे धीरे ऊपर की ओर बढ़ता जाता है। लाइकोपोडियम में रोगी के शरीर का ऊपर का भाग  सबसे पहले सूखना आरम्भ होता है।

आयोडियम में रोगी का पूरा शरीर सूखने लगता है।रोगी को बहुत जोरों की भूख लगती है और रोगी खाता भी पर्याप्त मात्रा में है लेकिन इसके बाद भी उसके शरीर में खाना नहीं लगता है।

और रोगी एकदम कमजोर और अपनी उम्र से ज्यादा का दिखाई देने लगता है।जब किसी रोगी में ऐसा लक्षण दिखाई दे कि बहुत अधिक खाने पीने के बाद भी व्यक्ति का शरीर सूखता चला जाय तो उस समय Abrotanum 200 uses in hindi  से फायदा होता है।

रोग में वृद्धि के लक्षण

नम मौसम,ठंडी हवा के झोंके से और शरीर से निकने वाले स्राव के एकाएक रुक जाने से रोग में वृद्धि होती है।

रोग में कमी के लक्षण

खुशक मौसम और चलने फिरने से एवं शरीर मे दबा हुआ स्राव एकाएक चालू हो जाने रोग में कमी हो जाती है। 

सम्बन्ध

गठिया रोग में स्क्रोफुलैरियाब्रायोनियास्टेलैरियाबेंजोइक एसिड के साथ और  सुखण्डी रोग में  आयोडियम और नेट्रम म्यूर के साथ इस औषधि की तुलना की जाती है।

मात्रा

 
वैसे तो 200 शक्ति तक कि मात्रा का प्रयोग किया जा सकता है लेकिन सुखण्डी,अतिसार गठिया वात आदि रोगों में 30 शक्ति का प्रयोग सबसे अच्छा होता है।

 इस आर्टिकल में आपने जाना कि Abrotanum 30 Uses in Hindi,Abrotanum 200 uses in Hindi आदि के बारे में पूरी जानकारी।

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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की healthsahayata.inपुष्टि नहीं करता है, इनको केवल सुझाव के रूप में लें, इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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