आज के बदलते परिवेश एवं लाइफ स्टाइल के चलते नवयुवकों में एक बहुत ही भयंकर बीमारी का जन्म हो रहा है जिसका नाम है शीघ्र स्खलन,आज पूरी दुनिया में 30 प्रतिशत लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं।
अगर केवल भारत देश की बात की जाय तो लगभग 50 प्रतिशत लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं।अगर आप भी इस बीमारी से जूझ रहे हैं तो फिर चिंता करने की कोई बात नहीं हैं।
क्योंकि इस लेख के माध्यम से हम बताएंगें कुछ बेहतरीन शीघ्र स्खलन की होमियोपैथिक दवा के बारे में जो आपकी शीघ्रपतन की समस्या को बिल्कुल जड़ से दूर कर देगी।लेकिन इससे पहले आप जानेंगें की शीघ्रस्खलन या शीघ्रपतन क्या होता है।
शीघ्र स्खलन क्या होता है?|Premature Ejaculation Homeopathic Medicine in Hindi
जब किसी पुरूष का वीर्य अपनी लाइफ पार्टनर से संभोग करते समय उसकी इच्छा के विरूद्ध बिना अपनी स्त्री को संतुष्ट किये निकल जाये और पुरुष रोकना चाहकर भी वीर्यपात होना रोक न सके, उसे शीघ्र स्खलन या शीघ्रपतन कहते हैं।
यह रोग केवल पुरुषों में होता है।शीघ्र स्खलन की सबसे बुरी स्थिति तब होती है जब व्यक्ति अपने लाइफ पार्टनर से जैसे ही संभोग की शुरुआत करता है, शीघ्रपतन हो जाता है।
संभोग करने की समयावधि कितनी होनी चाहिए इसके विषय मे कुछ निश्चित रूप से कहा नहीं जा सकता है क्योंकि यह बहुत कुछ व्यक्ति की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है।
लेकिन कुछ यौनरोग विशेषज्ञ का कहना है कि यदि किसी पुरुष का वीर्य सहवास करते समय 1 मिनट से पहले निकल जाये तो उसे शीघ्र स्खलन की श्रेणी में रखा जा सकता है।
शीघ्रस्खलन/शीघ्रपतन के लक्षण
यदि किसी व्यक्ति को शीघ्रस्खलन की बीमारी है तो उसके अंदर निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकता है।
• सेक्सुल उत्तेजना में कमी।
• उत्तेजना के लगभग कुछ सेकेंड के अंदर वीर्य का निकल जाना।
• पेशाब करते वक़्त लिंग से चिप चिपा पदार्थ का निकलना।
• सम्भोग करते समय बिना अपनी स्त्री को सन्तुष्ट किये ही वीर्यस्खलन हो जाना।
• सम्भोग से पहले शीघ्रपतन का डर सताने लगना।
• किसी स्त्री को देखने,गले लगाने ,गन्दे उपन्यास पढ़ने अथवा गन्दी फिल्मों को देखने से वीर्यपात हो जाना।
• स्त्री से सम्बंध बनाने में टाल मटोल करना।
आदि लक्षण दिखाई देते हैं।
शीघ्र स्खलन/शीघ्रपतन के कारण
शीघ्रस्खलन के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं।
• बहुत अधिक तम्बाकू, गुटका और एल्कोहल का सेवन करना।
• बहुत अधिक बाजार की तली भुनी हुई वस्तुओं जैसे समोसा,चाट फुलकी और अण्डे का सेवन करना।
• हस्थमैथुन करके अपने वीर्य को बहुत अधिक पतला कर लेना।
• हमेशा अश्लील ख्यालों में खोये रहना।
• प्रोस्टेट ग्लैण्ड में इंफेक्शन होना।
• बहुत अधिक मानसिक चिंता करना।
• ब्लडप्रेशर की बीमारी होना।
• शुगर की बीमारी।
आदि कारणों से यह बीमारी हो सकती है।
शीघ्र स्खलन की होम्योपैथिक दवा
शीघ्रस्खलन एक ऐसी बीमारी है जिसमें कोई व्यक्ति जब अपने जीवनसाथी के साथ संभोग करता है तो वह व्यक्ति अपने जीवनसाथी को बिना चर्मोत्कर्ष पर पहुचाये ही उसका वीर्यपात हो जाता है।इस स्थिति को ही शीघ्रपतन या शीघ्रस्खलन कहते हैं।
इस बीमारी को दूर करने के लिए कौन-कौन सी होमियोपैथिकदवाएं बीमारी की किन-किन लक्षणों में प्रयोग की जाती हैं आइये विस्तार से जानते हैं।
Titanium 3X
निम्नलिखित लक्षणों में Titanium 3X के प्रयोग से फायदा होता है।
•रतिशक्ति की दुर्बलता।
•संभोग के दौरान बहुत जल्दी वीर्यस्खलन हो जाना।
Bufo rana 200
निम्नलिखित लक्षणों में ब्युफोराना 200 के प्रयोग से फायदा होता है।
•हस्थमैथुन करने की प्रबल इच्छा।
•रोगी हमेशा अकेला रहना चाहता है।
•स्त्री से संभोग करते समय बहुत जल्दी वीर्यपात हो जाना।
•अनजान में वीर्यस्खलन हो जाना।
•संगम के समय मृगी का दौरा।
Damiana Q
निम्नलिखित लक्षणों में डामियाना Q होमियोपैथिक दवा फायदा करती है।
•स्नायविक दुर्बलता की बजह से रतिशक्ति का घट जाना।
•लिंग में भरपूर तनाव का न आना।
•पखाना या पेशाब का वेग देते समय वीर्य का निकलना।
•वीर्य का पतला हो जाना।
•नपुंसकता।
Agnus Castus Q
निम्नलिखित लक्षणों में एग्नस कास्ट Q होमियोपैथिक दवा फायदा करती है।
•बहुत अधिक रतिक्रिया के कारण जवानी में बुढ्ढे की तरह दिखाई देना।
•बहुत अधिक स्त्री सहवास के कारण नपुंसकता।
•स्त्री संगम की बहुत प्रबल इच्छा।
•लिंग शिथिल,टेढ़ा व आकर में एकदम छोटा।
•स्त्री संगम अथवा कामोत्तेजक बातें करने पर भी लिंग में कड़कपन न आना।
•पखाने के वेगक के साथ या रात को सोते समय वीर्यस्खलन हो जाना।
•नपुंसकता।
Staphysagria 200
निम्नलिखित लक्षणों में Staphysagria होमियोपैथिक दवा फायदा करती है।
•रोगी हमेशा अश्लील बातों के बारे में सोच करता है।
•इन्द्रियों की उत्तेजना से वीर्यस्खलन हो जाना।
• रात को सोते समय छात्रों में स्वप्नदोष का होना।
•पेशाब करते समय नहीं, बल्कि दूसरे समय मूत्रनली में जलन होना।
•केवल दिन के समय खाना खाने के बाद खाँसी का आना।
•दांतों में पानी लगना।
•रात को बैठे से उठने पर या करवट बदलने पर कमर में दर्द का होना।
आदि लक्षणों में Staphysagria 200 होमियो पैथिक दवा फायदा करती है।
Conium 200
निम्नलिखित लक्षणों में कोनियम मैक्यूलेटम होमियो पैथिक दवा फायदा करती है।
•किसी स्त्री को देखने या गले लगाने से वीर्य का निकल जाना।
•हस्थमैथुन के कारण नपुंसकता।
•जरा सी मन में उत्तेजना आते ही वीर्य का निकल जाना।
•अकेले में रहने से डर लगना किन्तु किसी से मिलना-जुलना पसन्द न करना।
•सिर को इधर-उधर घुमाते ही चक्कर आना।
•जरा सी आंखें बंद केते ही पसीना आना।
आदि लक्षणों में कोनियम मैक्यूलेटम होमियोपैथिक दवा फायदा करती है।
Selenium 30
निम्नलिखित लक्षणों में सेलेनियम के प्रयोग से फायदा होता है।
•रोगी को स्त्री संगम की इच्छा तो बहुत रहती है लेकिन उसके लिंग में कड़कपन बिल्कुल नहीं आता है।
•रोगी जैसे ही संभोग करना आरम्भ करता है शीघ्रपतन हो जाता है।
•विर्य में गन्ध बिल्कुल ही नहीं रहती है।
•विर्य अनजान में थोड़ा-थोड़ा करके निकलता रहता है।
•कमजोरी के कारण बलों का झड़ना।
आदि लक्षणों में सेलेनियम होमियोपैथिक दवा फायदा करती है।
Nuphar Luteum
निम्नलिखित लक्षणों में नूफर ल्युटियम फायदा करती है।
•बिना दर्द के पानी जैसा पतले दस्त का आना।
•दस्त का भोर में 4 बजे से सुबह 7 बजे तक बढ़ना।
•पखाने के लिए जोर लगाते समय वीर्य का निकलना।
•कामोद्दीपक बातें या बहुत थोड़ी उत्तेजना से वीर्य का निकलना।
Acid phos 200
स्वप्नदोष और हस्थमैथुन के कारण होने वाली शीघ्रपतन की बीमारी को दूर करने के लिए एसिड फास 200 होमियोपैथिक दवा एक रामबाण औषधि है।
इसमें रोगी को रात को सोते समय स्वप्नदोष हो जाता है।इसके अलावा यह दवा निम्नलिखित लक्षणों में फायदा करती है।
• स्मरणशक्ति की कमजोरी।
• किसी गम्भीर विषय के बारे में विचार न कर सकना।
• बिना दर्द के अतिसार लेकिन अतिसार में कमजोरी का न रहना।
• पेशाब और पखाने का जोर देते समय अनजान में वीर्य का निकल जाना।
• अंडकोश का फूलना व दर्द।
• बहुत कम उम्र में बालों का पक जाना।
• दुधिया रंग का पेशाब का होना।
• शरीर में चींटी रेंगने का अनुभव होना।
• बार-बार पेशाब करने की इच्छा।
• संभोग के बाद हांफने लगना।
Lycopodium 200
नपुंसकता को दूर करने के लिए लाइकोपोडियम एक अचूक औषधि है।
जो लोग बहुत ज्यादा स्त्री संगम करके नपुंसक हो गये हैं परन्तु स्त्री संगम करने की इच्छा तो बहुत रहती है किंतु सम्भोग करने की शक्ति नहीं रहती है।लिंग बिल्कुल ढीला हो जाता है।
टाइमिंग बढ़ाने की होम्योपैथिक दवा (Homeopathic medicine for sexually long time in hindi)
आज कल के भागदौड़ भरी जिंदगी में कामोत्तेजना में कमी की समस्या किसी भी व्यक्ति को हो सकती है, फिर वह चाहे स्त्री हो या पुरूष सभी लोग इस भयावह बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
जिसका मुख्य कारण हार्मोनल असन्तुलन,टेस्टोस्टेरॉन में कमी,मोटापा,अत्यधिक मानसिक तनाव,कब्ज,डायबिटीज आदि हो सकता है।
जिसका इलाज कराने के लिए लोग चोरी-छिपे नीम हकीम एवं झोला छाप डॉक्टरों से अपना इलाज कराके अपना पैसा और समय को बर्बाद करते रहते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज हम टाइमिंग बढ़ाने कीहोम्योपैथिक दवा के बारे में बताने जा रहे हैं जो स्त्री और पुरूष दोनों में होने वाली कामेच्छा की कमी को बिल्कुल जड़ से दूर कर देगा।
आर्जेन्टम नाइट्रिकम ( Argentum Nitricum)
इस दवा में रोगी को मीठा खाने की बड़ी तीब्र इच्छा होती है।रोगी देखने में वास्तविक उम्र से ज्यादा का दिखाई देता है।इस दवा के प्रयोग से शरीर की कमजोरी दूर हो कर संभोग के समय होने वाली कामोत्तेजना में वृद्धि होती है और ढीलेपन की समस्या दूर हो जाती है।
स्टैफिसगरिया (Staphysagria)
यह दवा उन लोगों को ज्यादा फायदा करती है जो लोग हमेशा अश्लील बातों के बारे में सोचा करते और अत्यधिक मानसिक चिंता करने के कारण उनकी टाइमिंग में कमी आ गयी हो,उनके लिए यह दवा अमृत के समान गुणकारी है।
लाइकोपोडियम (Lycopodium 30)
जो लोग बहुत कम उम्र में अधिक स्त्री संगम या हस्थमैथुन करके अपने आप को नपुंसक बना चुके हैं, और बहुत अधिक इच्छा रहने पर भी अपने वासना की तृप्ति नहीं कर पाते हैं।
जिनका लिंग टेढ़ा,छोटा और शिथिल हो गया है, लिंग में तनाव बिल्कुल नहीं आता है या आता भी है तो बहुत कम आता है फिर शिथिल हो जाता है ऐसे लोगों की कामेच्छा बढ़ाने के लिएहोमियोपैथिक दवा लाइकोपोडियम एक अमोघ औषधि है।
एग्नस कैस्टस (Agnus Castus)
जो लोग जवानी में बहुत अधिक स्त्री संगम कर चुके हैं और अब उनकी कामेच्छा में कमी आ गयी है।लिंग शिथिल और टेढ़ा हो गया है।संगम करने की प्रबल इच्छा रहने पर भी शरीर साथ नहीं देता है।
जिन्हें कामोत्तेजक बात या स्त्री को गले लगाने पर भी लिंग में तनाव बिल्कुल नहीं आता है उनके लिए एग्नस कैस्टस एक रामबाण औषधि है।
कैलेडियम (Caladium Segu)
यह दवा उन लोगों को ज्यादा फायदा करती है जिनको बहुत दिनों से स्वप्नदोष की बीमारी होकर नपुंसकता आ गयी है।इसमें रोगी को नींद आते ही लिंग में तनाव आता है किंतु जागते ही लिंग शिथिल हो जाता है।
बिना किसी तरह के कामोत्तेजक स्वप्न देखे ही स्वप्नदोष हो जाता है।रोगी को संगम की इच्छा तो रहती है किंतु शक्ति नहीं रहती है।ऐसे रोगियों में कैलेडियम होमियोपैथिक दवाके फायदा करती है।
कमजोरी की होमियोपैथिक दवा
चायना China 30
कमजोरी को दूर करने के लिए यह औषधि तब दी जाती है।जब वह कमजोरी शरीर से किसी तेजसकर स्राव के निकल जाने के कारण हुई हो।जैसे नाक,मुख,फेफड़े,जरायु या चोट आदि से रुधिर स्राव होने के कारण कमजोरी हुई हो।
कई दिनों तक लगातार दस्त आने से कमजोरी हुई हो,हैजे आदि में शरीर से अधिक पानी निकल जाने से कमजोरी हुई हो, वीर्य के अधिक स्खलन से कमजोरी हुई हो,तो इन सभी स्थिति में चायना 30 के प्रयोग से लाभ होता है ।
कैल्केरिया फास 3x
किसी भी बीमारी के बाद होने वाली कमजोरी जैसे क्षमता जे अधिक काम करने के कारण थकावट तथा कमजोरी, हमेशा किसी चिंता में पड़े रहने के कारण आयी कमजोरी।
ऐसे बच्चे जो बहुत ही कमजोर हो,उनके हाथ-पांव ठंडे रहते हो, उनकी कमजोरी को दूर करने के लिए कैल्केरिया फास 3x एक अमोघ औषधि है।
सेलेनियम 30
इस औषधि का नर्वस सिस्टम पर विशेष प्रभाव है।यह दवा उन लोगों के लिए ज्यादा फायदा करती है जो जरा सी मेहनत का काम करने से तुरंत थक जाता है।
यदि वह रात कुछ देर बैठ जाता है या कोई मानसिक कार्य करने में जोर लगाता है तो वह इतना थक जाता है कि दूसरे दिन वह किसी काम नहीं कर सकता है।
मौसम का भी उसकी थकावट पर विशेष प्रभाव पड़ता है।गर्मी आयी कि उसके साथ कमजोरी आयी।ज्यों ज्यों सूर्य ढलता जाता है, उसकी कमजोरी भी कम होती जाती है।स्नायु तंत्र की थकावट को रोगी बर्दाश्त नहीं कर सकता है।
इस लिए जानबूझकर या अनजान में वीर्य क्षय से परेशान हो जाता है।इस वीर्य क्षय से वह अगले दिन बहुत चिड़चिड़ा हो जाता है।सिर में दर्द होता है।
पखाना या पेशाब करते समय वीर्यस्खलन होता है।रोगी का वीर्य अपने आप टपका करता है।
पिकरिक एसिड 30
स्नायविक दुर्बलता एवं दिमागी कमजोरी को दूर करने के लिए पिकरिक एसिड एक रामबाण औषधि है।इसमें रोगी किसी प्रकार की दिमागी मेहनत करने से अनायास थक जाता है।इच्छा शक्ति बिल्कुल नहीं रहती है।
कमर में दर्द होता है, हाथ पैरों में दर्द होता है, रीढ़ की हड्डी में जलन होती है।किसी काम में मन नहीं लगता है, हमेशा लेटे रहना चाहता है।दिमागी काम करने वाले छात्रों, वकीलों और अध्यापकों की दिमागी कमजोरी को दूर करने के लिए यह एक रामबाण औषधि है।
आर्जेन्टम मेटैलिकम 30
जोड़ो पर इस औषधि का विशेष प्रभाव है।इसलिए इसकी कमजोरी में जोड़ों में दर्द,पीठ तथा रीढ़ की हड्डी में कमजोरी, थकावट पायी जाती है।
रोगी हमेशा लेटे रहना चाहता है जिससे उसे आराम मिल सके।गठिये के दर्द के साथ कमजोरी में यह दवा ज्यादा फायदा करती है।
इस लेख में अपने जाना शीघ्र स्खलन की होम्योपैथिक दवा के बारे में पूरी जानकारी।
शीघ्र स्खलन की होम्योपैथिक दवा के बारे में यह जानकारी कैसी लगी कमेंट करके हमें जरूर बताएं।
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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की healthsahayata.inपुष्टि नहीं करता है, इनको केवल सुझाव के रूप में लें, इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।