Pulsatilla 200 Uses in Hindi | पल्सेटिला के फायदे,उपयोग व नुकसान

पल्सेटिला 200 एक होम्योपैथिक दवा है।इसे Pulsatilla Nigricans के नाम से भी जाना जाता है।यह दवा मध्य और उत्तरी अमेरिका में पाए जाने वाले एक प्रकार के छोटे पौधे से इसका मदर टिंचर बनाया जाता है।

इस दवा का मुख्य इस दवा का मुख्य असर आँख,कान, नाक,दांत,पाकस्थली,आंत,जरायु,शिरा,श्लेष्मिक झिल्ली तथा स्त्री एवं पुरूष दोनों की जननेन्द्रिय और मूत्र यंत्र पर होता है।

Pulsatilla 200 Uses in Hindi

जो लोग नम्र धीर और स्वाभिमानी होते हैं।चिकित्सक को अपने रोग के बारे में बताते-बताते रो देते हैं।जिनका विचार हमेशा बदलता रहता है।जो जरा सी बात पर कसम खाने लगते हैं।

ऐसे लोगो की बीमारी में Pulsatilla 200 Uses in Hindi से फायदा होता है।इस दवा का रोगी हमेशा खुली हवा में रहना चाहता है।गर्मी से उसकी सारी तकलीफें बढ़ जाती है।

इस दवा क़े रोगी को लगभग सभी रोगों में प्यास नहीं लगती है।शरीर के सिर्फ एक तरफ पसीना आना पल्सेटिला का एक प्रमुख लक्षण है।जो स्त्रियां देखने में मोटी-ताजी लगती हैं।

जिनको ऋतु देर से होता है और मासिक रुधिर बहुत दिनों तक जाता रहता है उन स्त्रियों में Pulsatilla 200 Uses in Hindi से फायदा होता है।

पल्सेटिला क्या है?(What is Pulsatilla 200 in Hindi)

Table of Contents


पल्सेटिला होम्योपैथिक में सबसे अधिक प्रयोग की जाने वाली दवाओं में से एक है।होम्योपैथिक में इस दवा का सर्वप्रथम प्रयोग सन् १८०५ में हैनिमैन ने किया था।यह दवा मध्य और उत्तरी अमेरिका में पाए जाने वाले एक प्रकार के पौधे से इसका मूल अर्क तैयार किया जाता है।

Pulsatilla 200 Uses in Hindi

विकिपीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस पौधे की लंबाई लगभग 3 से 5 इंच तक होती है। यह पौधा मुख्य रूप से समतल और शुष्क स्थानों पर उगता है। इस पौधे में बैंगनी और नीले रंग के फूल लगे होते हैं। पौधे के ऊपर हर तरफ लंबे सिल्की जैसे धागे मौजूद होते हैं।

हवाओं द्वारा इसका बीज चारों तरफ फैल जाता है। इसीलिए इसे विंडफ़्लावर भी कहा जाता है।इसी पौधे से Pulsatilla का मूल अर्क तैयार किया जाता है।इस दवा का प्रयोग आँखों की बीमारियों, गर्भाशय की बीमारियों में, मासिक धर्म की अनियमितताओँ, गोनोरिया (यौन रोग) के लिए किया जाता है।

पल्सेटिला के लक्षण (Pulsatilla 200 Symptoms in Hindi)

निम्नलिखित रोग लक्षणों में पल्सेटिला होम्योपैथिक मेडिसिन के प्रयोग से फायदा होता है।

  • रोगी का अपने रोग के बारे में बताते-बताते रो देना।
  • खुली हवा में रहने से सभी रोग लक्षणों में कमी होना। और बन्द कमरे में रहने से सभी तकलीफें बढ़ जाना।
  • तेल और घी की बनी चीजें खाकर पेट खराब हो जाना।
  • हर एक बीमारी के दौरान प्यास का न रहना।
  • किसी भी दो बार की बीमारी के लक्षण एक ही तरह के न होना अर्थात बीमारी के लक्षण हमेशा बदलते रहना।
  • कान और दांत के दर्द में ठंडा पानी मुँह में लेने से आराम मिलना।
  • मासिक धर्म देर से और अल्प मात्रा में होना।
  • प्रमेह का स्राव बन्द होकर अंडकोष में सूजन व शुक्ररज्जु में दर्द होना।
  • शरीर के सिर्फ एक ही हिस्से में पसीना होना।
  • ज्वर के समय प्यास बिल्कुल न रहना।
  • इत्यादि लक्षणों में पल्सेटिला के प्रयोग से फायदा होता है।

पल्सेटिला के फायदे (pulsatilla 200 benefits in hindi)

निम्नलिखित रोगों में पल्सेटिला 200 होम्योपैथिक मेडिसिन फायदा करती है।

  • तेल और घी से बनी चीजें खाकर पेट खराब होने अथवा अतिसार और पेचिस की बीमारी होने पर इस दवा के प्रयोग से फायदा होता है।
  • स्त्रियों में ऋतुस्राव के समय या बाद में अतिसार होने पर पल्सेटिला एक रामबाण औषधि है।
  • ऋतुस्राव समय से न होकर ऋतुस्राव के बदले नाक या मुँह से खून आने पर इस दवा के प्रयोग से फायदा होता है।
  • चेचक निकलने के बाद कानों से कम सुनाई देने पर इस औषधि के प्रयोग से फायदा होता है।
  • गर्म पानी मुँह में लेने से होने वाले दांत के दर्द में इस दवा के प्रयोग से फायदा होता है।
  • कोमल स्वभाव की स्त्रियों में कब्ज के कारण होने वाले बवासीर में यह दवा फायदा करती है।
  • मासिक धर्म के पहले व दौरान सिरदर्द होने पर यह दवा फायदा करती है।
  • मासिक धर्म समय से न होकर देर से होने पर इस दवा के प्रयोग से फायदा होता है।
  • चेहरे व सिर के एक तरफ पसीना आने में यह दवा फायदा करती है।
  • अण्डकोष के सूजन में पल्सेटिला के प्रयोग से फायदा होता है।
  • लगातार गले में दर्द होकर सूखी खांसी आने पर इस दवा के प्रयोग से फायदा होता है।
  • प्रत्येक बार अपना स्थान बदलकर होने वाले दर्द में पल्सेटिला फायदा करती है।
  • चेचक के कारण होने वाले जलन व दर्द में फायदा करती है।आँखों में होने वाले सूजन व दर्द जिसमें आँखों को ठंडे पानी से धोने से आराम मिलता है उसमें यह दवा फायदा करती है।

पल्सेटिला 200 उपयोग (Pulsatilla 200 Uses in Hindi)


निम्नलिखित रोग लक्षणों में पल्सेटिला 200 होम्योपैथिक दवा के उपयोग से फायदा होता है।

मानसिक लक्षण


पल्सेटिला रोगी का मानसिक लक्षण बड़ा ही विचित्र होता है।वह अपने रोगों के बारे में अपने चिकित्सक को बताते-बताते रो देता है।उसे उसके रोग के बारे में सांत्वना देने से आराम महसूस होता है।

सिर-दर्द


जिन महिलाओं का मासिकधर्म खुलकर नहीं होता है।प्रदर स्राव होता रहता है।सिर का दर्द शाम को 5 बजे से 10 बजे के बीच बढ़ जाता है।दर्द सिर के एक तरफ से होता हुआ कान और दांतों तक फैल है तो इस प्रकार के सिर दर्द में पल्सेटिला होम्योपैथिक मेडिसिन फायदा करती है।

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आँखों में दर्द व सूजन


आँखों की बीमारी के लिए पल्सेटिला एक अमोघ औषधि है।आँखों में दर्द व सूजन, आँखों से पानी गिरना,कीचड़ जमना,जलन होना,खुजली व दर्द होना आदि लक्षणों में जिसमें ठंडे पानी से आँखों को धोने से आराम मिलता है।

उसमें पल्सेटिला 200 के प्रयोग से फायदा होता है। बहुत अधिक तेल,घी, मसालेदार खाना खाने से आँखों के ऊपरी पलक में बिलनी होने पर पल्सेटिला होम्योपैथिक दवा से लाभ होता है।

कान में दर्द व बहरापन


जो बच्चे नम्र,धीर व कोमल स्वभाव के होते हैं।जिनको कान में दर्द होने पर रोते समय सुनकर दिल में उनके प्रति दया आती है।उन्हें पुचकारने या सांत्वना देने का मन करता है ऐसे बच्चों के कान के दर्द को दूर करने के लिए पल्सेटिला एक अमोघ औषधि है।


यदि चेचक निकलने के बाद से कानों से कम सुनाई देने लगे या रोगी एकदम बहरा हो जाय तो उसमें भी पल्सेटिला होम्योपैथिक दवा के प्रयोग से फायदा होता है।

नाक की सर्दी में


जो लोग नम्र,धीर व कोमल स्वभाव के होते हैं। जिन्हें बार-बार छीकें आती हैं,नाक से पीला गाढ़ा सर्दी निकलती है और रात को नाक बंद हो जाया करती है, प्यास बिल्कुल नहीं लगती है,गर्म कमरे में जाने से उनका रोग बढ़ जाया करता है और खुली हवा में रहने से रोग में कमी होती है तो ऐसे रोगियों में इस दवा के प्रयोग से फायदा होता है।

दांतों के दर्द में


दांतों में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए पल्सेटिला एक अमोघ औषधि है।इसमें रोगी जब कोई गर्म चीजें खाता या पीटा तो उसके दाँत का दर्द बढ़ जाता है लेकिन जब वह ठंडा पानी मुँह में लेता है तब उसके दांतों के दर्द में आराम मिलता है।

लेकिन मुँह में पानी जब गर्म हो जाता है तो फिर से दर्द होने लगता है।इस प्रकार के दांतों के दर्द के लक्षण में पल्सेटिला होम्योपैथिक मेडिसिन के प्रयोग से लाभ होता है।

सर्दी खाँसी में


पल्सेटिला में रोगी को सायंकाल सूखी खांसी आती है और सुबह के समय पीला या हल्का पिले रंग का कफ निकलता है।
सायंकाल छाती में जकड़न महसूस होती है जो खुली हवा में रहने से रोगी को कुछ आराम मालूम पड़ता है और बन्द कमरे में जाने से खाँसी बढ़ जाती है।

पेट से सम्बंधित रोगों में


पेट से सम्बंधित होने वाले समस्त रोगों में पल्सेटिला का अधिकार है।यदि कोई व्यक्ति बहुत अधिक मसालेदार भोजन,पूरी,कचौड़ी घी से बनी हुई चीजें आदि खाकर बीमार हो जाये और उसे पतले दस्त आने लगे और दस्त आधी रात को बढ़ जाये तो महात्मा हैनीमैन कहते हैं कि उस समय पल्सेटिला 200 के प्रयोग से अवश्य लाभ होता है।

अतिसार में


बहुत अधिक मसालेदार भोजन करने से यदि किसी व्यक्ति को पतले दस्त आने लगे और दस्तों की संख्या आधी रात को बढ़ जाय तो उसमें पल्सेटिला फायदा करती है।

कब्ज में


यदि किसी व्यक्ति को बहुत अधिक चर्बीदार भोजन करने से कब्ज की शिकायत हो जाय और रोगी की प्रकृति पल्सेटिला से मिलती हो तो उसमें इस दवा के प्रयोग से फायदा होता है।

बवासीर में


यदि किसी व्यक्ति को बहुत अधिक मसालेदार भोजन करने के कारण बवासीर का रोग हो जाय और उसे बवासीर के मस्सों में बहुत आधिक दर्द होता हो और दर्द में ठंडे पानी के प्रयोग से या खुली हवा में धीरे -धीरे टहलने से रोगी को आराम मिलता हो और इसके साथ ही यदि रोगी की प्रकृति पल्सेटिला से मिलती है तो उसमें इस दवा के प्रयोग से फायदा होता है।

पेशाब से सम्बंधित रोग में


पल्सेटिला रोगी को बार-बार पेशाब की हाजत होती है लेकिन पेशाब खुलकर नहीं होता है।पेशाब में इतनी जलन होती है कि रोगी पेशाब करने के नाम से ही डर जाता है।इसके अलावा जब रोगी पीठ के बल लेटता तब उसे पेशाब की इच्छा होती है।जैसे ही वह करवट लेटता है वैसे ही उसकी पेशाब की इच्छा चली जाती है।

प्रोस्टेट की सूजन में


जिन लोगों का गोनोरिया रोग दब कर प्रोस्टेट ग्रन्थि में सूजन आ जाती है।प्रोस्टेट के स्थान पर दर्द व जलन होने लगता है। पेशाब बूंद बूंद करके आता है तो डॉक्टर क्लार्क कहते हैं कि उस अवस्था में यदि रोगी की धातु पल्सेटिला की है तो इस दवा के प्रयोग से फायदा होता है।

अण्डकोष के सूजन व दर्द में


अण्डकोष में सूजन के नये रोगों में इस औषधि का प्रयोग तब किया जाता है जब अण्डकोष में सूजन व दर्द की यह बीमारी गोनोरिया रोग के दबा दिये जाने के कारण हुआ हो तब इस औषधि के उपयोग से फायदा होता है।

डिसमैनरिया में

जिन महिलाओं को मासिक धर्म ठीक समय पर न होकर देर से और रुक-रुक कर होता है। मासिक धर्म के समय जरायु, सिर और कमर में बहुत तेज दर्द होता है।रोगिणी को शाम के समय ठंड लगती है फिर भी वह खुली हवा में रहना चाहती है तो इस प्रकार के मासिक धर्म के लक्षणों में पल्सेटिला के उपयोग से फायदा होता है।

मेनोपॉज में


जिन महिलाओं की 40 से 45 वर्ष की उम्र बीत जाने के बाद उनका मासिक धर्म बन्द हो जाता है अर्थात मेनोपॉज अवस्था जाती है तो उन्हें तरह-तरह के कष्टों का सामना करना पड़ता है।उस समय पल्सेटिला के प्रयोग से फायदा होता है।

जोड़ों के दर्द में


रीढ़ ,कमर ,हाथ-पांव आदि का दर्द जो एक जोड़ से दूसरे जोड़ में चलता-फिरता रहता है,दर्द रात में या बिस्तर की गर्मी से बढ़ जाता है और खुली हवा में रहने से आराम मिलता है।उसमें Pulsatilla 200 Use करने से फायदा होता है।

यदि सुजाक रोग दबकर पांव की एड़ी में दर्द होने पर भी इस दवा के प्रयोग से फायदा होता है।इसके अलावा सियाटिका के दर्द जिसमें रोगी को धीरे-धीरे चले फिरमे से आराम मिलने पर इस दवा के प्रयोग से फायदा होता है।

Pulsatilla 200 की मात्रा ( Pulsatilla 200 Dosage in Hindi)


वैसे तो पल्सेटिला 30,200,1M और 10M सभी शक्तियों में फायदा करती है लेकिन यदि आप बवासीर, कब्ज,वात रोग, मासिक धर्म की समस्या,प्रसव के बाद होने वाले कष्ट,मेनोपॉज और आधा सिर के दर्द में उपयोग करना चाहते हैं तो उसमें Pulsatilla 200 Uses in Hindi से फायदा होता है।

पल्सेटिला 200 होम्योपैथिक मेडिसिन का सेवन कैसे करें?


यदि पल्सेटिला 200 के सेवन की बात की जाय तो,यह व्यक्ति के रोग,उसकी आयु,लिंग और रोग की गम्भीरता पर निर्भर करती है है।
लेकिन सामान्य तौर से इसे 4 से 5 बून्द की मात्रा को दिनभर में 2 बार सीधे जीभ पर या एक चम्मच पानी में मिलाकर करना चाहिए।

पल्सेटिला 200 के नुकसान (Pulsatilla 200 side effects in hindi)


पल्सेटिला पेड़-पौधों से बनाई जाने वाली एक पोलिक्रिस्ट होम्योपैथिक मेडिसिन है।इस लिए डॉक्टर के द्वारा बताई गई मात्रा में प्रयोग करने से किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट्स होने की सम्भावना नहीं होती है।

भारत में पल्सेटिला 200 की कीमत (Pulsatilla 200 Price in India)

पल्सेटिला 200 की कीमत अलग-अलग कम्पनियों की अलग-अलग होती है फिर भी समान्य रूप से 75 से 80 रुपये में किसी भी होम्योपैथिक मेडिकल स्टोर से आसानी से खरीदा जा सकता है।यदि आप चाहें तो इसे आसानी से ऑनलाइन भी मंगा सकते हैं।

Pulsatilla 200 उपयोग से सम्बंधित सावधानियां (Precaution of Pulsatilla 200 Uses in Hindi)


पल्सेटिला 200 का उपयोग करने से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।
• यदि आप किसी अन्य पैथी की दवा ले रहें हैं तो पल्सेटिला 200 का उपयोग करते समय कम से कम आधे घंटे का अंतराल जरूर रखें।
• गर्भवती महिलाएं इस दवा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
• स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इस दवा के सेवन से पहले अपने डॉक्टर की जरूर ले लेनी चाहिए।
• इस दवा का सेवन करते समय किसी भी प्रकार की तेज गन्ध वाली चीजों का सेवन नहीं करनी चाहिए।

Pulsatilla 200 के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q• पल्सेटिला 200 किसके लिए प्रयोग किया जाता है?

Ans• पल्सेटिला 200 का प्रयोग मासिक धर्म में होने वाले दर्द,प्रसव पीड़ा के कष्ट, ल्यूकोरिया, अण्डकोष की सूजन,दांतों के दर्द,कान की पीड़ा,बवासीर,कब्ज एवं पाचन तंत्र से सम्बंधित रोगों के इलाज में किया जाता है।

Q• पल्सेटिला 200c का उपयोग किस लिए किया जाता है?

Ans• पल्सेटिला 200c का उपयोग मासिक धर्म की समस्या, ल्यूकोरिया, अण्डकोष की सूजन ,बवासीर एवं पेट से सम्बंधित रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है।

Q• क्या पल्सेटिला पीरियड्स में मदद करती है?

Ans• हां पल्सेटिला पीरियड्स के समय होने वाले दर्द को कम करने अथवा देर तक दिखाई देने को ठीक करने में मदद करती हैं

Q• क्या पल्सेटिला खांसी के लिए अच्छा है?

Ans• हाँ पल्सेटिला सुबह को आने वाली बलगम पूर्ण खांसी के लिए अच्छा है।

Q• मुझे कितना पल्सेटिला लेना चाहिए?

Ans• सामान्यतःवयस्क लोगों को पल्सेटिला की 3 से 5 ड्राप की मात्रा सुबह-शाम अथवा डाक्टर के परामर्श से लेना चाहिए।

Q• क्या होम्योपैथिक पल्सेटिला गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित है?

Ans• हाँ डॉक्टर की सलाह से लेने पर होम्योपैथिक पल्सेटिला गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित है।

इस लेख में आपने जाना कि पल्सेटिला क्या है?,पल्सेटिला के लक्षण,पल्सेटिला के फायदे और Pulsatilla 200 Uses in Hindi आदि के बारे में पूरी जानकारी।

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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की healthsahayata.inपुष्टि नहीं करता है, इनको केवल सुझाव के रूप में लें, इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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