कमरकस के फायदे | Kamarkas Ke Fayde

 कमरकस के फायदे | kamarkas Ke Fayde

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kamarkas ke fayde : कमरकस जिसे पलास या टेसू के नाम से जाना जाता है।आयुर्वेद की दृष्टि से यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण पौधा है।जिसमें पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है।
 
पलास का फल,फूल पत्ती छाल और उससे निकलने वाले गोंद का औषधीय रूप में प्रयोग किया जाता है।
 
kamarkas ke fayde
 

कमरकस प्रयोग महिलाओं को डिलीवरी के बाद कमर में आयी कमजोरी को दूर करने के लिए किया जाता है।

कमरकस किसे कहते हैं?|kamar kas kya hota hai?

 
पलास के पेड़ और डालियों के छाल को काटने   पर एक प्रकार का चिपचिपा पदार्थ निकलता है।
 
 जो सूखकर हल्का भूरा लाल रंग का हो जाता है। इस हल्के भूरे लाल रंग के पदार्थ को ही पलास की गोंद या कमरकस कहते हैं।
 

कमरकस का अर्थ

कमरकस (यानी कि पलास बृक्ष की गोंद) का अर्थ होता है कमर को कसने वाला अर्थात वह गोंद जो कमर की मसल्स को मजबूती प्रदान करे कमरकस कहलाता है।
 

कमरकस की तासीर कैसी होती है?

 
कमरकस पलास बृक्ष गोंद को कहते हैं।इसकी तासीर गर्म होती है।इसका प्रयोग आयुर्वेद में बहुत सी बीमारियों को दूर करने में किया जाता है।
 

कमरकस क्या चीज होती है?

कमरकस एक प्रकार का गोंद होता है जो पलास के पेड़ में चिरा लगाकर निकाला जाता है।विशेष कर इसका प्रयोग डिलीवरी के बाद महिलाओं की कमर में आयी कमजोरी को दूर करने में किया जाता है।
 

कमरकस(पलास) का वैज्ञानिक नाम (kamarkas botanical name)

 
kamarkas ke fayde
 
कमरकस यानी कि पलास एक जंगली बृक्ष होता है।इसके फूल बहुत ही सुदर होते हैं।कमर कस  दो प्रकार के फूलो वाला होता है।
एक लाल पुष्प वाला पलास जिसका वैज्ञानिक नाम ब्यूटिया मोनोस्पर्मा है । और दूसरा सफेद फूलों वाला पलास (कमरकस)जिसका का वैज्ञानिक नाम ब्यूटिया पर्वीफ्लोरा है।
 
 

कमरकस के विभिन्न भाषाओं में विभिन्न नाम

कमरकस को विभिन्न भाषाओं में जिन नामों से जाना जाता है वह इस प्रकार से है-

 
अंग्रेजी  में  Flame of the forets
 
हिंदी  में  ढाक,टेसू और पलास
 
संस्कृत  में   रक्तपुष्पक,किंशुक,वक्रपुष्प
 
लैटिन  में  Butea Monosperma
 
गुजराती  में  खाकरो,केसुदा
 
मराठी  में  पलस, पलास
 
तेलगु  में  मोदुरा,पलाशमु
 
आदि नामों से जाना जाता है।
 

कमरकस के गुण

कमरकस में कमर के दर्द को दूर करने वाले, नपुंसकता ,स्वप्नदोष को जड़ से मिटाने वाले,गुप्तांगो के सूजन औऱ खुजली को ठीक करने वाले,शारीरिक कमजोरी को दूर करने वाले,बबासीर की बीमारी को ठीक करने वाला और डायबिटीज की बीमारी को दूर करने का गुण पाया जाता है।
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कमरकस के उपयोग

आयुर्वेद में कमरकस का उपयोग बहुत सी बीमारियों के इलाज में किया जाता है।कमरकस का उपयोग टॉन्सिल, बबासीर,कमर दर्द,जोड़ो के दर्द,  ,गुप्तांगो की खुजली,यौनवदुर्बलता,गठिया,पेट के कीड़े,खून की कमी,सर्वाइकल का दर्द,किडनी की सूजन,पेशाब में जलन आदि को दूर करने में उपयोग किया जाता है।
 

कमरकस गोंद के फायदे

|Kamar kas ke Fayde

 

kamarkas ke fayde

 
 
आयुर्वेद की दृष्टि से कमरकस का प्रयोग जिन जिन बीमारियों के इलाज में किया जाता है वह इस प्रकार से है-
 

मूत्र रोगों में लाभकारी

यदि आपको किसी भी प्रकार की मूत्र सम्बन्धित परेशानी है जैसे पेशाब में जलन होना ,पेशाब का रुक रुककर आना या किडनी से सम्बंधित परेशानी आदि रोगों में पलास का पुष्प बहुत ही गुणकारी होता है।
 
इसके लिए पलास के फूल को इकट्ठा करके मिट्टी के बर्तन में रात भर के लिये भिगो दें।और सुबह उसे छान कर पी लें।
डायबिटीज
जिन लोगो का शुगर लेबल हमेशा बढ़ रहता है
 

दाद को दूर करे

जो लोग शरीर मे कहि भी दाद से परेशान रहते हैं उनके लिए पलास का बीज  बहुत ही लाभकारी होता है।
 
इसके लिए पलास के बीज का चूर्ण बनाकर उसमें नीबू के रस को मिलाकर उसका पेस्ट बनाएं और उस पेस्ट को दाद की जगह पर लगाने से किसी भी तरह का दाद पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
 

नपुंसकता को दूर करे

 
जिनको नपुंसकता की बीमारी है, जिनका वीर्य पतला है, जिनके वीर्य में शुक्राणुओं की कमी है उनके लिए पलास के वृक्ष की जड़ की छाल का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है।
 
इसके लिए पलास के पेड़ की जड़ की छाल का चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में लेकर दूध के साथ सुबह शाम सेवन करें।नपुंसकता की बीमारी बिल्कुल जड़ से समाप्त हो जाएगी।
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अंडकोष की सूजन को ठीक करें

यदि किसी के अंडकोष में किसी कारण से सूजन आ गयी है तो पलास की जड़ की छाल की कूट पीसकर उसका बारीक चूर्ण बना लें।
 
और 3 से 4 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम पानी के साथ सेवन करें।अंडकोष की सूजन कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगी।
 

महिलाओं के बाँझपन को ठीक करे

जिन महिलाओं को किसी कारण से सन्तान सुख की प्राप्ति नहीं होती है,जिनको गर्भधारण नहीं होता है।
 
 उनके लिए पलास के बीज के चूर्ण  का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है।
 
इसके लिए पलास के बीज का चूर्ण को लेकर उसमें मिश्री को मिलाये और सुबह – शाम एक-एक चम्मच की मात्रा में दूध के साथ सेवन करें ।
 

पेट में कीड़े को दूर करे

जिन लोगों के पेट में कीड़े होते हैं उनके लिए पलास के बीज के सेवन से लाभ होता है।
 
इसके लिए पलास के बीज और अजवाइन को मिलाकर चूर्ण बना लें।और सुबह – शाम आधा चम्मच की मात्रा में पानी के साथ लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
 
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बच्चेदानी की गांठ और सूजन को दूर करे

जिन महिलाओं को बच्चेदानी में गांठ या सूजन होती है उनके लिए पलास की जड़ की छाल बहुत ही फायदे मन्द होता है।

 
इसके लिए पलास की जड़ की छाल को लेकर चूर्ण बना लें और एक चम्मच की मात्रा में दूध के साथ सेवन करें।इस प्रयोग से बच्चेदानी की सूजन या गांठे ठीक हो जाती हैं।
 

खाँसी और सिर दर्द में

यदि आप कमरकस का उपयोग खाँसी और सिर दर्द के लिए करना चाहते हैं तो इसके लिए कमरकस की छाल को उबालकर रोजाना पीने से खाँसी और सिर दर्द में राहत मिलती है।

डायबिटीज को कंट्रोल करने में

जिन लोगों को ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ी हुई रहती है उनको 3 से 5 ग्राम की मात्रा में कमरकस का सेवन करने से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।

कोलेस्ट्रॉल को कम करने में

यदि आप कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए कमरकस का उपयोग करना चाहते हैं तो इसके लिए कमरकस के पत्तों को पीसकर उसके रस का इस्तेमाल कर सकते हैं।इससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर कंट्रोल में रहता है।

पाचन तंत्र की गड़बड़ी में

जो लोग हमेशा पेट की समस्याओं से परेशान रहते हैं उनके लिए कमरकस का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है।इसके लिए शाम को 3 से 5 ग्राम की मात्रा में कमरकस को पानी मे भिगो दें और सुबह उसे छानकर पी लें।ऐसा कुछ दिन तक करें।पेट की समस्याओं से राहत मिलेगी।

शरीर के सूजन में

शरीर के किसी अंग विशेष में सूजन रहने पर कमरकस के पेड़ की छाल को उबालकर कर पीने से सूजन में राहत मिलती है।

कमरकस खाने का तरीका
 

कमरकस को आप कई तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं।
• कमरकस गोंद का इस्तेमाल आप लड्डू बनाकर कर सकते हैं।
• कमरकस गोंद को आप 3 से 5 ग्राम की मात्रा में पानी में घोलकर मिश्री के साथ कर सकते हैं।
• यदि आप कमरकस का उपयोग खाँसी और सिर दर्द के लिए करना चाहते हैं तो इसके छाल को उबालकर पी सकते हैं।
• यदि आप कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए कमरकस का उपयोग करना चाहते हैं तो इसके पत्तों को पीसकर उसके रस का इस्तेमाल कर सकते हैं।

 

इस आर्टिकल में आपने जाना कि पलास बृक्ष की गोंद यानी कि कमरकस के फायदे, कमरकस किसे कहते हैं?,कमरकस की तासीर,कमरकस का अर्थ, कमरकस के गुण एवं उपयोग,कमरकस खाने का तरीका आदि के बारे में पूरी जानकारी।
 
यह जानकारी आपको कैसी लगी कमेन्ट करके हमे जरूर बतायें और इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले।
 
धन्यवाद।
 
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Kamarkas के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

 

 

Q• क्या पुरुष कमरकस खा सकते हैं?

Ans• जी हाँ जिन लोगों का स्पर्म काउंट कम है अथवा स्वप्नदोष या शीघ्रपतन की जैसी समस्याओं से परेशान हैं वे कमरकस खा सकते हैं।

Q• कमरकस खाने से क्या फायदा होता है?

Ans• कमरकस खाने से डायबिटीज,कोलेस्ट्रॉल,सूजन,स्वप्नदोष,शीघ्रपतन और महिलाओं में डिलीवरी के बाद आयी कमर की नसों में कमजोरी को दूर करने जैसी बीमारियों में फायदा होता है।

Q• कमरकस का दूसरा नाम क्या है?

Ans• कमरकस का दूसरा नाम पलास या टेशू है।

Q• कमरकस क्या चीज होती है?

Ans• कमरकस एक पलास के वृक्ष का गोंद होता है।जिसका उपयोग आयुर्वेद में औषधीय रूप में किया जाता है।

Q• कमरकस को कैसे खाना चाहिए?

Ans• कमरकस को आप गोंद के लड्डू बनाकर खा सकते हैं।

Q• कमरकस को हिंदी में क्या कहते हैं?

Ans• कमरकस को हिंदी में करधनी,पेटी, कमरबंद, फेंटा, पलाश का गोंद,चुनिया गोंद आदि नामों से जाना जाता है।

Q• आप कमरकस का उपयोग कैसे करते हैं?

Ans आप कमरकस का उपयोग कमरकस गोंद के लड्डू बनाकर कर सकते हैं।

Q• कमरकस गोंद कैसे खाएं?

Ans• कमरकस को गोंद के लड्डू बनाकर या 2 से 4 ग्राम की मात्रा में पानी में घोलकर खा सकते हैं।

Q• कमरकस कब खाना चाहिए?

Ans• कमरकस को महिलाओं में डिलीवरी के बाद कमर की नसों में आई कमजोरी को दूर करने के लिए कमरकस गोंद के लड्डू बनाकर खाना चाहिए।

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