Ledum Pal 200 एक प्लांट किंगडम की होम्योपैथिक दवा है।इस दवा की परीक्षा डॉक्टर हैनिमैन ने स्वंय की थी।
यह दवा फ्रांस और एशिया में पाये जाने वाले एक प्रकार के लता से इसका मूल अर्क बनाया जाता है।
जो लोग हमेशा गठिया या वात रोग से तकलीफ पाते हैं तथा बहुत ज्यादा शराब पीने के कारण अपना स्वास्थ्य खराब कर चुके हैं उनकी बीमारी के इलाज में Ledum Pal 200 Uses in Hindi से फायदा होता है।
इसके अलावा यह दवा सुई, कील, कांटा आदि चुभने से होने वाले दर्द व टिटेनस की सम्भावना को कम करने के लिए Ledum Pal 200 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग किया जाता है।
यदि किसी कारण से टखना और पांव में मोच और सूजन आ जाय तो लिडम पाल 200 होम्योपैथिक मेडिसिन के प्रयोग से लाभ होता है।
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चोट लगकर त्वचा का रंग काला पड़ने पर लिडम पाल 200 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग किया जाता है।
लीडम पाल होम्योपैथिक दवा के लक्षण क्या है?Ledum pal 200 symptoms in hindi
निम्नलिखित लक्षणों में Ledum pal के प्रयोग से लाभ होता है।
• वात या गठिया रोग का नीचे के अंग से प्रारम्भ होकर ऊपर की ओर बढ़ना।
• दर्द का हमेशा तिरछा चलना अर्थात बायें कंधे से शुरू होकर दाहिनें कूल्हे में चला जाना।
• गठिया या वात रोग वाला अंग पतला पड़ जाना।
• रोगी को हमेशा ठंडा या जाड़ा महसूस होना।
• वात या गठिया रोग का रात के समय तथा विस्तर की गर्मी से बढ़ना।
• वात या गठिया से प्रभावित अंग को ठंडे बर्फ के पानी में डुबोये रखने से दर्द में कमी होना।
• पैर के तलवों में खुजलाहट होना।
• किसी अंग की हड्डी टूटकर उसका बहुत दिनों तक न जुड़ना।
• शरीर में कोई नुकीली चीज धंसकर वहाँ पर घाव हो जाना।
• चोट लगकर ऊपरी त्वचा का नीला हो जाना।
आदि लक्षणों में Ledum pal 200 के प्रयोग से फायदा होता है।
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Ledum Pal 200 Uses in Hindi | Ledum Pal 200 के फायदे एवं उपयोग
निम्नलिखित रोग लक्षणों में लिडम पाल 200 होम्योपैथिक दवा फायदा करती है।
1• घुटनों के दर्द में
घुटनों के दर्द के लिए लीडम पाल एक बेहतरीन औषधि है। Ledum pal 200 नये और पुराने दोनों तरह के घुटनों में दर्द की होम्योपैथिक दवा है।
इस दवा में रोगी के घुटनों में सूजन व दर्द होता है।यह दर्द रात में और बिछावन की गर्मी से बढ़ जाता है और ठंडे प्रयोग से घटता है।
लीडम रोगी के घुटनों के दर्द की प्रकृति काटने-फाड़ने और टपक की तरह होती है।जो चलने-फिरने बढ़ जाती है।इसका दर्द नीचे के अंगों से शुरू होकर ऊपर की तरफ बढ़ता है।
इसके अलावा इसका दर्द हमेशा अपना जगह बदला करता है।घुटनों के दर्द में उपरोक्त प्रकार के लक्षण रहने पर लिडम पाल 200 होम्योपैथिक मेडिसिन के प्रयोग से फायदा होता है।
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2• जोड़ों के दर्द में
छोटे-छोटे जोड़ों में यूरिक एसिड जमा होकर वात रोग होने पर लिडम पाल 200 होम्योपैथिक दवा के प्रयोग से लाभ होता है।
इस दवा में रोगी के जोड़ों का दर्द रात को बढ़ जाता है।लेकिन प्रभावित अंग को ठंडे पानी में डुबोने से रोगी को जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
जोड़ों के दर्द में इस प्रकार के लक्षण रहने पर यह दवा फायदा करती है।
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3• पुराने चोट में
यदि किसी व्यक्ति को चोट लगकर वात रोग हो गया हो और वह दर्द रात में बढ़ जाता है और रोग वाली जगह पर ठंडे पानी या बर्फ की सिकाई करने से रोगी को आराम मिलता है।
तो वहाँ पर लिडम पाल 200 होम्योपैथिक मेडिसिन का उपयोग करने से फायदा होता है।
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4• टूटी हड्डियों को जोड़ने में
यदि किसी व्यक्ति की गिरकर या अन्य किसी कारण से हाथ-पैर या शरीर के किसी अन्य जगह की हड्डी टूटकर वहाँ पर दर्द व सूजन होने लगे तथा अर्निका और सिम्फाइटम के प्रयोग से पूरा लाभ न हो तो उसके बाद Ledum Pal 200 के प्रयोग से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।
5• त्वचा के काला पड़ जाने में
यदि किसी व्यक्ति को शरीर के किसी भी स्थान में चोट लगकर वहां की त्वचा काला या नीला पड़ जाए और अर्निका मोंटाना के प्रयोग से त्वचा का कालापन पूरी तरह से दूर न हो तो उसके बाद Ledum Pal 200 होम्योपैथिक दवा के प्रयोग से त्वचा का कालापन पूरी तरह से दूर हो जाता है।
6• विषैले कीड़े-मकोड़े के काटने पर
यदि किसी व्यक्ति को विषैले कीड़े-मकोड़े जैसे मधुमक्खी, ततैया,बिच्छु और मच्छर आदि काट ले और उस स्थान पर व्यक्ति को सूजन, लाली,जलन व दर्द होने लगे तो उस काटे हुए कीड़े-मकोड़ों के विष के प्रभाव नष्ट करने के लिए Ledum Pal 200 होम्योपैथिक मेडिसिन का प्रयोग किया जाता है।
7• टिटेनस को रोकने में
यदि की व्यक्ति को सुई,कील,कांटा आदि चुभने अथवा चूहा,बिल्ली आदि काटने से घाव होकर व्यक्ति को टिटेनस होने की सम्भावना बढ़ जाये तो वहां पर Ledum Pal 200 होम्योपैथिक मेडिसिन के प्रयोग से लाभ होता है।
8• पैर के तलवे एवं एड़ी के दर्द में
यदि किसी व्यक्ति के पैर के तलवों एवं एड़ी में दर्द व सूजन हो,जिसके कारण व्यक्ति पैरों पर पूरा भार देकर चल नहीं सकता है।
दर्द रात में और बिछावन की गर्मी से बढ़ जाता है तथा ठंडे पानी में पैरों को डुबोकर रखने से दर्द में आराम मिलता है तो इस प्रकार के दर्द के लक्षणों में Ledum Pal 200 होम्योपैथिक मेडिसिन के प्रयोग से लाभ होता है।
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Ledum Pal 200 की खुराक | Ledum Pal 200 Dosage in Hindi
किसी भी होम्योपैथिक दवा के उपयोग की मात्रा रोगी की आयु, लिंग, रोग के लक्षण आदि बातों पर निर्भर करती है।
लेकिन सामान्य रूप से पूर्ण वयस्क लोगों को Ledum pal 200 की 3 से 4 बूँद की मात्रा में दिनभर में 2 बार सीधे जीभ पर या एक चम्मच पानी के साथ लिया जा सकता है।
जबकि बच्चों में Ledum pal 200 की 3 से 4 बूँद की मात्रा को केवल दिनभर में एक ही बार प्रयोग करना पर्याप्त होता है।
Ledum Pal 200 का उपयोग कैसे करें?
ledum pal 200 होम्योपैथिक दवा को सीधे जीभ पर या एक चम्मच पानी में मिलाकर सेवन करना चाहिए।
Ledum Pal 200 का उपयोग कब करें?
अच्छे परिणाम के लिए ledum pal 200 होम्योपैथिक दवा को हमेशा खाना खाने से आधा घंटा पहले या खाना खाने के आधा घंटा बाद में प्रयोग करना चाहिए।
Ledum Pal 200 की कीमत | Ledum Pal 200 Price in Hindi
वैसे तो होम्योपैथिक दवा बनाने वाली अलग-अलग कम्पनियां अपना अलग-अलग कीमत निर्धारित करती हैं लेकिन बात यदि SBL कम्पनी की की जाए तो इस कम्पनी के ledum pal 200 की कीमत 103 रुपये है।
Ledum pal 200 के दुष्प्रभाव | Ledum pal 200 side effects in hindi
Ledum pal 200 प्लांट किंगडम की होम्योपैथिक दवा है।किसी भी रोग में इसके प्रमुख लक्षणों को ध्यान में रखकर अथवा डॉक्टर के परामर्श से प्रयोग करने पर इसका कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता है।
इस लेख में आपने जाना लिडम पाल होम्योपैथिक दवा क्या है?,लिडम पाल होम्योपैथिक दवा के लक्षण क्या है?,लिडम पाल के फायदे और Leadum pal 200 Uses in hindi के बारे में पूरी जानकारी।
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नमस्कार दोस्तों,मेरा नाम अरविन्द कुमार मौर्य है।मैं भारत के एक बड़े से राज्य उत्तर प्रदेश के वाराणसी का रहने वाला हूँ।मैं पिछले पन्द्रह वर्षों से होमियोपैथिक प्रेक्टिस कर रहा हूँ।मैं इस ब्लॉग बेबसाइट के माध्यम से मैं आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों और होमियोपैथिक दवाओं के बारे में हर रोज नई-नई जानकारियों को पब्लिश करता हूँ।यदि आप हमें इस वेबसाइट या इस पर प्रकाशित किसी भी जानकारी के बारे कोई सुझाव देना चाहते हैं तो आप हमें नीचे दिए गए ईमेल पर ईमेल कर सकते है।
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